इस्पातनगरी भिलाई में विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का हुआ आगाज

जीवन का सर्वाधिक विश्वसनीय और सदा सर्वदा उपलब्ध साथी है परम पिता परमात्मा

गीता को जीने वाले मनुष्य परमेश्वर को सर्वाधिक प्रिय होते हैं

गंगा को शरीर समर्पित हो जाए और गीता को जीवन समर्पित हो जाए

Inauguration of Virat Bhakti Satsang Festival in Ispatnagar Bhilaiभिलाई-छत्तीसगढ़, 13 दिसम्बर। एकीकृत इस्पात संयंत्र के जरिये भारत की औद्योगिक क्रान्ति में चार चाँद लगाने वाले छत्तीसगढ़ के तीसरे सबसे बड़े शहर भिलाई में आज सन्ध्याकाल विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का श्रीगणेश हुआ। यहाँ के विशालकाय आईटीआई पावर हाउस ग्राउण्ड में दिव्य भजनों के बीच विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने भारी संख्या में उपस्थित जनसमुदाय का सशक्त वैचारिक मार्गदर्शन किया। सत्संग समारोह का आयोजन विश्व जागृति मिशन के भिलाई मण्डल द्वारा किया गया है।

Inauguration of Virat Bhakti Satsang Festival in Ispatnagar Bhilaiश्रद्धेय महाराजश्री ने कहा कि श्रीमद्भवदगीता इस कार्य में सबसे बड़ी सहायक है। छः – छः खण्डों के तीन भागों में विभक्त संस्कृति संजीवनी गीता भक्तियोग, ज्ञानयोग एवं कर्मयोग की वे शिक्षाएँ प्रदान करती हैं, जिनसे व्यक्ति का जीवन समग्रता से ओतप्रोत हो उठता है। श्रीमद्भगवदगीता वह गंगा है जो हमें तारने वाली है, हमारा उद्धार करने वाली है। उन्होंने कहा कि गीता को जीने वाले मनुष्य परमेश्वर को अत्यंत प्रिय होते हैं।

विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने बताया कि विश्व जागृति मिशन द्वारा वर्ष 2018 को गीता वर्ष घोषित करते हुए पूरे वर्ष श्रीमद्भभगवदगीता पर विशेष सन्देश देश के विभिन्न अंचलों में पहुँचाया गया तथा घर-घर में गीता के विशेष भाष्य-ग्रन्थ की स्थापना की गई। उन्होंने बताया कि भिलाई सत्संग महोत्सव में मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज द्वारा गीता पर विशेष उदबोधन-सन्देश आगन्तुक जनसमुदाय को दिए जायेंगे। उन्होंने बताया कि यहाँ एक भव्य व दिव्य ज्ञान गंगा का प्रवाह होता दिखाई दे रहा है।

विश्व जागृति मिशन के भिलाई मण्डल के प्रधान श्री चमन लाल बंसल ने बताया कि सत्संग समारोह रविवार 15 दिसम्बर की सायंकाल तक चलेगा। उसी दिवस दोपहर में मन्त्र दीक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि विराट भक्ति सत्संग महोत्सव में भिलाई व दुर्ग सहित छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों तथा मध्य प्रदेश के विविध अंचलों से ज्ञान जिज्ञासु सत्संग स्थल पर पहुँच रहे हैं।

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