हर वायरस के प्रभाव से मुक्त रहें हमारे बुजुर्ग | Sudhanshu Ji Maharaj

Our elderly should be free from the effects of every virus

परिस्थितियां कैसी भी हो, मौसम बदले, प्राकृतिक आपदा आये अथवा महामारी का प्रकोप बढ़े, अंततः प्रभावित सबसे ज्यादा होते हैं हमारे बुजुर्ग व बच्चे। देश में चल रहे कोरोना वायरस (कोविड-19) के कहर से बुजुर्गों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए इस लेख श्रृंखला में इसी सामयिक पक्ष पर विचार करना आवश्यक है। यद्यपि वायरस अटैक अब तक बहुत सारे हुए पर कोरोना जैसा अड़ियल व खतरनाक वायरस अभी निकट में नहीं दिखा। कष्टकर बात यह है कि अभी तक इसे लेकर न कोई टीका बना, न कोई समुचित उपचार ही है। ऐसे में हमारे बुजुर्गों के लिए सतर्कता और बचाव ही कोरोना (कोविड-19) जैसे वायरस से सुरक्षित रहने के लिए सर्वोत्तम उपाय हैं |
चार दिन की देखभालः

विशेषज्ञों का मानना है कि साबुन व सेनेटाइजर से इसे समाप्त किया जा सकता है। इससे समय-समय पर अच्छी तरह से हाथ धोना, हाथों को सैनिटाइज करना व अपने घर में रहना ही एक मात्र आवश्यक उपाय है। यद्यपि कोरोना से पहले फ्रलू आया, पर फ्रलू जैसा ही वायरस होने के बावजूद इसकी प्रकृति अलग है। अन्य फ्रलू आदि वायरसों की अपेक्षा यह वायरस लोगों में तेजी से फैल रहा है। कोरोना प्रभावितों में सामान्य रूप से बुखार, सिरदर्द, खांसी एवं कफ-बलगम जैसी ही परेशानी होती है, पर किसी को सर्दी-खांसी होने का मतलब यह नहीं कि उसे कोरोना ही हुआ है। फिर भी यदि किसी में इस रोग के लक्षण हैं, तो घर में चार दिन खुद को निगरानी में रखकर कोरोना होने या न होने की पुष्टि की जा सकती है। उक्त लक्षण सामान्य रोग के होंगे तो चार-छः दिन में ठीक हो जायेगा। पर समस्या बढ़ने पर डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
वैसे भी हमारे जिन बुजुर्गों का इम्यून पावर बढ़ा है, तो उन्हें यह घात नहीं करेगा। पर यदि स्वास्थ्य उतना उत्तम नहीं है, तो उम्र के साथ शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण हर बुजुर्ग को अपने शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही लोगों को घबराने की बजाय सतर्कता बरतने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। इस संक्रमण से बचने के लिए (ॅण्भ्ण्व्ण्) विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं सरकार ने भी आवश्यक निर्देश जारी किये हैं।
छूने से पनपता है रोगः
एकबात स्पष्ट करते चलें कि यह वायरस हवा में नहीं तैरता, अपितु हाथ से वायरस प्रभावित वस्तु छूकर उसे मुंह, आंख, नाक, कान में लगाने से यह वायरस व्यक्ति को अपने गिरफ्रत में ले लेता है। यह वायरस मुंह, आंख, नाक, कान द्वारा अंदर जाकर फेफड़े में अपना स्थान बनाता है और धीरे-धीरे व्यक्ति के इम्यून पावर को कमजोर करने लगता है। यदि व्यक्ति का शरीर किसी रोग से पहले से प्रभावित है, तो वायरस उसे तीव्रता से उभार देता है। अंततः रोगी सम्हल न पाया तो उसकी मृत्यु हो जाती है।
सुझाव व भ्रांतियांः
समाज में इस वायरस को लेकर प्रचलित भ्रांतियों के प्रति सावधानी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (ॅण्भ्ण्व्ण्) ने बताया कि गर्म पानी से नहारे से नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) की रोकधाम सम्भव नहीं है। बल्कि कोरोना से बचने के लिए अपने हाथों को साबुन व पानी से लगातार साफ करते रहना आवश्यक है, जिससे रोगी अपने हाथों पर लगने वाले संक्रमण को खत्म कर सकें।
1. कोरोना वायरस श्वसन संबंधी वायरस है, जो मुख्यरूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने से फैलता है। वायरस प्रभावित व्यक्ति की एक अकेली छींक से हजारों कोरोना परमाणु बाहर गिरते हैं और सामने वाला व्यक्ति सतर्क न रहा तो इस वायरस की गिरफ्रत में आते देर नहीं लगती।

2. यदि सामने खड़े व्यक्ति पर रोगी के खासने-छीकने की एक भी बूंद पड़ गयी, तो रोग से प्रभावित होने के लिए इतना ही काफी है। इसलिए प्रभावित व्यक्ति मुंह पर बांह लगाकर छीकें। सामान्य रूप से बुजुर्गों को तो मुंह पर हर समय रुमाल, अंगौछा आदि लगाकर रखना चाहिए।

3. बचाव के लिए हमेशा अपने हाथों को अल्कोहल युक्त हैंडवॉश या साबुन पानी से ही धोते रहें। बचने का सबसे कारगर तरीका यही है। हाथ धोने के बाद टिश्यू पेपर या हैंड ड्रायर्स से हाथ साफ कर सकते है।
4. पहले से अस्थमा, डायबिटीज, हार्ट सम्बन्धी रोग से ग्रस्त लोगों के लिए यह वायरस अधिक खतरे वाला है।

खान-पान जिसका बुजुर्ग ध्यान रखें:

राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) द्वारा बिना किसी खास औषधि बिना वेंटिलेटर के मात्र पोषण युक्त आहार, गर्म पानी एवं सकारात्मक मोटीवेशन से अनेक वायरस प्रभावित रोगियों को ठीक करने की रिपोर्ट आई है। इस प्रक्रिया को बुजुर्गों के साथ अन्य सभी को अपनानी चाहिए, जिससे वे स्वस्थ बने रहें। इस संदर्भ में जिम्स के डॉयरेक्टर ब्रिगेडियर डॉ- राकेश गुप्ता के अनुसार 20 चिकित्सकों की टीम ने वायरस प्रभावित व्यक्ति पर 24 घंटे नजर रखी। शरीर के घटते-बढ़ते तापमान की समीक्षा की तथा स्टैण्डर्ड प्रोटोकाल को ध्यान में रखकर रोगियों को हेल्दी डाइट, मोटीवेशन, गर्म पानी एवं प्रसन्नता भरे मन से जोड़े रखा। परिणामतः वे सभी रोगी क्रमशः पूर्णता वायरस मुक्त हुए।
1. बुजुर्ग हर समय केवल गर्म पानी ही लें।
2. उच्च रक्तचाप, गले के दर्द, जुकाम व बुखार सम्बंधी लक्षण न उत्पन्न हों, इसके लिए हर समय उचित खान-पान का ध्यान रखें।
3. दाल का पानी एवं सूप नास्ते में लें।
4. चावल, ठंडा पानी, दही व अन्य ठंडी चीजें खाने से पूर्णतः बचें।
6. पपीता, सेव का सेवन इच्छा अनुसार करें।
7. हरी सब्जी लौकी, तोरी अपने डिनर में अवश्य सामिल करें।
8. प्रातः 7 से 8 बजे तक नास्ता अवश्य कर लें।
9. दोपहर का भोजन 12 बजे तक आवश्य लें।
10. रात्रि में 7 से 8 बजे तक भोजन अनिवार्य रूप से कर लें।
11. भरपूर नींद लें जिससे शरीर ताजा रहे।
12. योग, प्राणायाम एवं हल्की फुल्की एक्सरसाइज करें।
13. मनोबल बढ़े ऐसे साहित्य व गुरु सत्संग का श्रवण करें।
14. यज्ञ, ध्यान आदि से जुड़े रहे।
इस प्रकार की दिनचर्या से हर बुजुर्ग कोरोना सहित किसी प्रकार के वायरस से प्रभावित होने से बचा रहेगा।

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