मन को प्रसन्न रखना श्रेष्ठ तप है: सुधांशु महाराज

मन को प्रसन्न रखना श्रेष्ठ तप है: सुधांशु महाराज

दक्षिण भारत राष्ट्रमत dakshinbharat.com बेंगलूरु। स्थानीय विश्व जागृति मिशन की बेंगलूरु शाखा द्वारा सुधांशु महाराज की निश्रा में चल रहे अमृत ज्ञान वर्षा के आखिर दिन रविवार को जयनगर स्थित पूर्णिमा कन्वेंशन सेन्टर में पूर्व एसीपी मुनिरत्ना, जगदीश गिलड़ा एवं निरंजन सारडा शामिल हुए। व्यास पूजन श्यामसुन्दर सुल्तानिया द्वारा सम्पन्न हुआ।

इस मौके पर गुरुदेव श्री सुधांशु जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गीता में कहे गए अमृत ज्ञान की सन्देश देते हुए कहा कि हर समय प्रसन्न रहने का स्वभाव बनाएं। हमारा मन जहां भी लगता है उसे कई गुणा बढ़ा देता है। किसी की बुराई पर मन टिक जाता है तो हजार गुणा बुराई उसमें नजर आएगी। उसकी अच्छाई में भी दोष नजर आएगा लेकिन अगर हमारा मन किसी के अच्छाई पर टिके उस व्यक्ति हर व्यवहार एवं हर रूप अच्छा लगता है।

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