गुरु मंत्र सिद्धि साधना सौभाग्य कैसे जगाती है?

How does Guru Mantra Siddhi Sadhana awaken good fortune

 

गुरु मंत्र सिद्धि साधना एक अनुपम अनुभूति है, जहाँ श्रद्धा, नियम और समर्पण के माध्यम से साधक केवल अपने भाग्य को जाग्रत करते हैं, बल्कि अपनी आत्मा की गहराइयों में छिपे ज्ञान, शांति और शक्ति को भी अनुभव करते हैं।

परम पूज्य सुधांशु जी महाराज

 

गुरु पूर्णिमा का पर्व साधकों के लिए एक विशेष अवसर होता है, जब वे अपने गुरु के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हैं और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।

इस पावन अवसर पर आयोजित “गुरु मंत्र सिद्धि साधना” एक ऐसी विशेष साधना है, जो साधकों को गुरु के दिव्य ऊर्जा से जोड़कर उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक होती है।

गुरु मंत्र सिद्धि साधना क्या है और कब पूर्ण मानी जाती है?

गुरु मंत्र, गुरु द्वारा प्रदान किया गया एक शक्तिशाली मंत्र होता है, जो साधक के जीवन में मार्गदर्शन, सुरक्षा और आध्यात्मिक उन्नति का स्रोत बनता है।

इस मंत्र की सिद्धि से साधक के अंदर छिपी दिव्य शक्तियों का जागरण होता है, जिससे वह अपने जीवन की नकारात्मकताओं को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।

गुरु मंत्र सिद्धि साधना एक ऐसी आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें साधक अपने गुरु द्वारा दिए गए मंत्र का श्रद्धा, नियम और एकाग्रता के साथ जप करते हैं।

यह साधना तब पूर्ण मानी जाती है जब मंत्र साधक की चेतना में सक्रिय होकर फलदायक बन जाता है, जिसे “मंत्र सिद्धि” कहा जाता है।

यह केवल जप नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, चेतना जागरण और गुरु कृपा को प्राप्त करने का मार्ग है। इस साधना से साधक के भीतर दिव्य ऊर्जा का संचार होता है, जो उन्हें मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाता है।

गुरु मंत्र सिद्धि साधना सौभाग्य कैसे जगाती है?

गुरु मंत्र सिद्धि साधना एक अत्यंत प्रभावशाली आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जो न केवल साधक के अंतर्मन को शुद्ध करती है, बल्कि उनके जीवन में सौभाग्य, स्थिरता और आत्मिक जागृति का मार्ग भी प्रशस्त करती है।

जब कोई साधक श्रद्धा, निष्ठा और नियमपूर्वक गुरु द्वारा प्रदत्त मंत्र का जप करता है, तो वह मंत्र धीरे-धीरे केवल शब्द नहीं रह जाता, बल्कि चेतना में शक्ति रूप में प्रतिष्ठित हो जाता है।

यही स्थिति “मंत्र सिद्धि” कहलाती है।

मंत्र सिद्धि के पश्चात साधक के चारों ओर एक दिव्य ऊर्जा क्षेत्र निर्मित होता है, जो नकारात्मकता को हटाकर सौभाग्य के द्वार खोलता है।

यह साधना मानसिक स्पष्टता, आत्मविश्वास, निर्णय क्षमता और आंतरिक शांति को सुदृढ़ करती है। गुरु मंत्र की सिद्धि केवल सांसारिक लाभों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि साधक के कर्मों का शोधन कर, उसे आत्म-ज्ञान और मोक्ष की दिशा में भी अग्रसर करती है।

जो व्यक्ति सच्चे मन से इस साधना को अपनाता है, उसके जीवन में सहजता से अवसर आते हैं, कष्ट दूर होते हैं और एक अदृश्य संरक्षण उसे हर दिशा में आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान करता है।

वास्तव में, गुरु मंत्र सिद्धि साधना सौभाग्य को जागृत करने की कुंजी है।

सौभाग्य चक्र का जागरण

सौभाग्य चक्र, हमारे शरीर में स्थित एक ऊर्जा केंद्र है, जो ब्रह्मांडीय ऊर्जा को आकर्षित कर जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और सफलता प्रदान करता है।

गुरु मंत्र सिद्धि साधना के माध्यम से इस चक्र का जागरण होता है, जिससे साधकों के जीवन में नए अवसरों का द्वार खुलता है और वह अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होते हैं।

साधना का स्वरूप

यह साधना दो दिनों की होती है, जिसमें प्रत्येक दिन एक 60 मिनट और एक 30 मिनट का सत्र सम्मिलित होता है। इन सत्रों में ध्यान, मंत्र-जप तथा गुरु के सान्निध्य में साधना का अभ्यास किया जाता है।

साधना के लाभ

इसके प्रमुख लाभ हैं:

  • गुरु मंत्र की ऊर्जा का पुनः संचार: साधना के माध्यम से गुरु मंत्र की शक्ति को पुनः सक्रिय किया जाता है, जिससे साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
  • सौभाग्य चक्र का जागरण: इस चक्र के सक्रिय होने से जीवन में नए अवसरों का आगमन होता है और सफलता की संभावनाएं बढ़ती हैं।
  • आत्मिक शांति और संतुलन: साधना से मन, शरीर और आत्मा में संतुलन स्थापित होता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है।
  • सकारात्मक सोच और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता: साधना के माध्यम से साधक की सोच में सकारात्मकता आती है और उसकी एकाग्रता बढ़ती है।
  • कर्म बंधनों से मुक्ति: गुरु की कृपा से साधक अपने पिछले कर्मों के बंधनों से मुक्त होता है और आत्मिक उन्नति की ओर बढ़ता है।

यह साधना न केवल आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करती है, बल्कि जीवन में सौभाग्य और सफलता के नए द्वार भी खोलती है।

आइये, इस गुरु पूर्णिमा, परम पूज्य सुधांशु जी महाराज एवं डॉ. अर्चिका दीदी के स्नेहमयी सानिध्य में गुरु मंत्र सिद्धि साधना से अपना जीवन सुखमय करें।

आप सब का स्वागत है।

 

Join Guru Purnima Mahotsav 2025

Summer of Giving: Creative Ways to Teach Kids the Joy of Generosity

Summer of Giving

 

“Nurture not just your children’s minds, but also their hearts.”

-His Holiness Sudhanshu Ji Maharaj

Summer vacations are about to begin. The time is perfect for getting engaged in activities that are fun and refreshing.

The vacation also offers a chance to instill the virtue of generosity in children.

With ample free time and a break from academic routines, it’s an ideal season to engage young minds in acts of kindness and social service.

Here’s how you can make this summer a beautiful experience for your child:

Organise a Family Donation Drive

Encourage your child to sort through their toys, books, and clothes to identify items they no longer use.

Together, you can donate these to shelter homes or organisations supporting underprivileged children.

This activity not only de-clutters your home but also teaches children the importance of sharing and helping those in need.

Teach them Empathy

Vishwa Jagriti Mission’s (VJM) Gyandeep Vidyalaya in Faridabad provides free education, mid-day meals, and other facilities to underprivileged children.

Visit the school once with your children.

Let them understand how some children are not blessed with privileges.

Tell them how difficult it is for some children to continue education, yet they face challenges, study, and win in life just due to the support of those who care.

Sponsor a Girl’s Education

Education is a powerful tool for women’s empowerment.

VJM’s Kanya Atmanirbhar Abhiyan initiative focuses on educating and training girls from underprivileged backgrounds.

By sponsoring a girl’s education, your family can directly contribute to breaking the cycle of poverty.

Discuss the importance of education and gender equality with your children and involve them in your donation efforts for Kanya Atmanirbhar Abhiyan.

Because when you do good for the needy, your children also learn the same.

Volunteer Together

Participating in volunteer activities as a family is a nice way to build strong family bonds.

Whether it’s cleaning up your neighbourhood, teaching marginalised kids, or providing relief to the needy from the scorching heat.

During the summer season, volunteer and join VJM’s social initiatives like:

  • Bhandara services
  • Free juice, food, and water bottles for hardworking labourers and for those who have to spend time outside under the sun
  • Tree plantation activities

Such activities also provide real-world experiences that can shape their values and perspectives.

By involving your child in these initiatives, you not only teach them generosity but also expose them to the challenges faced by others. It develops a sense of gratitude and social responsibility in them, helping them become responsible citizens.

So, this summer vacation, show your children the joy of generosity.

Engage them with VJM’s creative ways of making a difference for the children of God.

Let them learn empathy, compassion, and the importance of helping others.

This summer, nurture not just your children’s minds, but also their hearts.

Have a joyous summer vacation!

Donate for Kanya Atmanirbhar Abhiyan

हरियाणा के पंचकूला चंडीगढ़- मोहाली मंडल में बाल संस्कार केंद्र का शुभारंभ

 

हरियाणा के पंचकूला चंडीगढ़- मोहाली मंडल में बाल संस्कार केंद्र का शुभारंभ
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परम पूज्य गुरुदेव द्वारा संकल्पित 108 बाल संस्कार केंद्रों की स्थापना के क्रम में हरियाणा के उपरोक्त मंडल में 27 अप्रैल 2025 को शिव धाम आश्रम पंचकूला की तपोभूमि पे आचार्य श्री कुलदीप पांडे जी और श्री आर एन आहूजा जी के सानिध्य में मंत्र उच्चारण एवं करतल ध्वनि के साथ बाल संस्कार केंद्र का शुभारंभ किया गया।

कार्यक्रम में लगभग 45 बच्चे उपस्थित रहे। महिला मंडल की बहनों ने तथा आचार्य जी ने बच्चों को सनातन धर्म, संस्कृति, शिष्टाचार और माता-पिता व बड़ों के प्रति आदर भाव की महत्ता समझाई साथ ही उनके अभिभावकों को यह आश्वासन दिया कि ये संस्कार कक्षाएं इस आश्रम में नियमित रूप से निशुल्क जारी रहेंगी। कार्यक्रम के अंत में मिशन की ओर से बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में केंद्रीय परिवार जोड़ो अभियान टीम नई दिल्ली से निरंतर संपर्क बनाए रखते हुए मंडल की चेयरपर्सन श्रीमती सुदेश गुप्ता जी,प्रधान श्री सौरभ गुप्ता जी , कार्यालय के श्री कपिल शर्मा जी तथा सभी समर्पित गुरु भक्तों का विशेष योगदान रहा।

कार्यक्रम से संबंधित छायाचित्र और लघु वीडियो संलग्न है।

परिवार जोड़ो अभियान टीम
आनंदधाम आश्रम,
नई दिल्ली
28.04.2025

 

पूर्वी दिल्ली में दूसरा बाल संस्कार केंद्र शुभारंभ हुआ

 

पूर्वी दिल्ली में दूसरा बाल संस्कार केंद्र शुभारंभ हुआ
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परम पूज्य गुरुदेव द्वारा संकल्पित 108 बाल संस्कार केंद्रों की स्थापना के क्रम में दूसरा बाल संस्कार केंद्र पूर्वी दिल्ली मंडल में राधे कृष्णा मंदिर राधेश्याम पार्क दिल्ली 51 में दिनांक 27 अप्रैल 2025 (रविवार) को प्रातः 10:00 बजे मंदिर के प्रधान श्री संजय बंसल की अध्यक्षता में दीप प्रवजलन के साथ शुभारंभ हुआ

इस अवसर पर लगभग 45 बच्चे उपस्थित हुए उनको श्रीमती विजय लक्ष्मी जी उमा जी और बबीता जी ने बताया की बच्चों को प्रात काल उठने से लेकर दिन में क्या-क्या कार्य करें ताकि वह ऊर्जावान बने रहे बच्चों को ओम का उच्चारण भी कराया गया । मंदिर के प्रधान जी ने बताया की बच्चों के लिए यह धर्म संस्कार की निशुल्क कक्षाएं निरंतर चलती रहेगी।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मंदिर के पंडित श्री बी एस शास्त्री जी तथा केंद्रीय परिवार जोड़ो अभियान के टीम के श्री एस एन खुराना जी अनिल मित्तल जी और श्री जे एल रस्तोगी जी का विशेष योगदान रहा कार्यक्रम से संबंधित कुछ छायाचित्र संलग्न है।

परिवार जोड़ो अभियान टीम
आनंदधाम आश्रम
नई दिल्ली
28.4.2025

 

कानपुर में द्वितीय बाल संस्कार केंद्र उद्घाटन समारोह की रिपोर्ट

 

कानपुर में द्वितीय बाल संस्कार केंद्र उद्घाटन समारोह की रिपोर्ट
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परम पूज्य गुरुदेव की प्रेरणा से 108 बाल संस्कार केंद्रों की स्थापना के क्रम में कानपुर शहर के मां सरस्वती विद्यालय सैनिक स्कूल, रतनपुर कॉलोनी, में दिनांक 25 अप्रैल 2025 को “बाल संस्कार केंद्र” का उद्घाटन हुआ। आचार्य रजनीश जी ,प्रमोद तिवारी जी और केंद्रीय परिवार जोड़ो अभियान टीम के निर्देशन में आचार्य आकाश पोरवाल जी द्वारा इस कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्रोच्चार के साथ किया गया।

कार्यक्रम में बच्चों को नैतिक शिक्षा, भारतीय संस्कृति, योग और ध्यान का प्रशिक्षण दिया गया। अभिभावकों ने इस पहल की सराहना की और इसे बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। यह केंद्र समाज के नैतिक और आध्यात्मिक विकास में सहायक सिद्ध होगा। कार्यक्रम से संबंधित छायाचित्र संलग्न है

परिवार जोड़ो अभियान टीम
आनंदधाम आश्रम
नई दिल्ली
26 अप्रैल 2025

 

जयपुर में दूसरे बाल संस्कार केंद्र का शुभारंभ हुआ

 

जयपुर में दूसरे बाल संस्कार केंद्र का शुभारंभ हुआ
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परम पूज्य गुरुदेव की प्रेरणा से 108 बाल संस्कार केंद्र की स्थापना के क्रम में जयपुर मंडल में *बाल संस्कार केंद्र की द्वितीय शाखा* का शुभारंभ श्री हेम कुमार भार्गव जी के मकान (नंबर 3/40, जवाहर नगर, जयपुर) में दिनांक 23 अप्रैल 2025 को प्रधान श्री मदन लाल जी अग्रवाल के करकमलों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।

इस केंद्र की स्थापना में जयपुर मंडल की महिला पदाधिकारियों – श्रीमती इंदू भार्गव, श्रीमती डॉक्टर मधु शर्मा, श्रीमती अलका अरोड़ा, श्रीमती मंजू बजाज आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इन सभी के अथक प्रयासों और समर्पण से यह शुभ कार्य संभव हो पाया।

प्रथम दिन ही लगभग 15 बच्चों की उपस्थिति दर्ज की गई, जिन्हें केंद्रीय परिवार जोड़ो अभियान टीम दिल्ली के दिशा-निर्देशों के अनुसार बाल संस्कार पुस्तक के माध्यम से शिक्षित किया जा रहा है। भविष्य में, इस केंद्र में सभी के सहयोग से और अधिक प्रगति लाई जाएगी। कार्यक्रम से संबंधित छायाचित्र संलग्न हैं।
परिवार जोड़ो अभियान टीम
आनंदधाम आश्रम
नई दिल्ली
25.4.2025

 

कानपुर में बाल संस्कार केंद्र का शुभारंभ समारोह की रिपोर्ट

 

कानपुर में बाल संस्कार केंद्र का शुभारंभ समारोह की रिपोर्ट
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परम पूज्य गुरुदेव की प्रेरणा से 108 बाल संस्कार केंद्रों की स्थापना के क्रम में दिनांक 22 अप्रैल 2025 को द लिटिल बी प्री स्कूल कानपुर में बाल संस्कार केंद्र का उद्घाटन बड़े उत्साह और उल्लास के साथ संपन्न हुआ।
विद्यालय के निर्देशक श्री विशाल राजपूत ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर आचार्य रजनीश जी और केंद्रीय परिवार जोड़ो अभियान टीम के दिशानिर्देश के अनुसार आचार्य आकाश जी द्वारा बच्चों को नैतिक शिक्षा, भारतीय संस्कृति, और जीवन मूल्यों पर मार्गदर्शन दिया गया। कार्यक्रम में शामिल अभिभावकों और शिक्षकों ने इसकी सराहना की और इसे बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बताया।

इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य बच्चों में सनातन धर्म संस्कार, अनुशासन और सांस्कृतिक चेतना का विकास करना है। यह समारोह न केवल बच्चों के लिए प्रेरणादायक था, बल्कि उपस्थित सभी लोगों के लिए भी यादगार बन गया। कार्यक्रम से संबंधित छायाचित्र संलग्न हैं।
परिवार जोड़ो अभियान टीम
आनंदधाम आश्रम
नई दिल्ली
24.4.2024

 

देहरादून मंडल में बाल संस्कार केंद्र का शुभारंभ

 

देहरादून मंडल में बाल संस्कार केंद्र का शुभारंभ
परम पूज्य गुरुदेव द्वारा संचालित 108 बाल संस्कार केंद्रों की स्थापना के अंतर्गत, विश्व जागृति मिशन, देहरादून उत्तराखंड ने 22 अप्रैल 2025 को तारा एकेडमी स्कूल में एक नए बाल संस्कार केंद्र का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मंडल के प्रधान श्री सुधीर शर्मा जी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम में लगभग 120 बच्चे उपस्थित रहे। स्कूल के प्रिंसिपल श्री सिद्धांत कुमार और शिक्षिका श्रीमती रुचि जी ने बच्चों को सनातन धर्म, संस्कृति, शिष्टाचार और माता-पिता व बड़ों के प्रति आदर भाव की महत्ता समझाई।

प्रधान जी ने सभी बच्चों और उनके अभिभावकों को यह आश्वासन दिया कि ये संस्कार कक्षाएं नियमित रूप से जारी रहेंगी। कार्यक्रम के अंत में मिशन की ओर से बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में केंद्रीय परिवार जोड़ो अभियान टीम नई दिल्ली के निरंतर मार्गदर्शन और मंडल के प्रधान श्री सुधीर शर्मा जी, उनकी टीम के सदस्यों, तथा महिला वर्ग से श्रीमती रंजना खत्री, सुषमा भाटिया और सुमन चौधरी जी का विशेष योगदान रहा।

कार्यक्रम से संबंधित छायाचित्र और लघु वीडियो भी उपलब्ध कराए गए।

(परिवार जोड़ो अभियान टीम)
आनंदधाम आश्रम,
नई दिल्ली
24.04.2025

 

मन को शान्त करते हुए प्रभु की कृपा को हृदय में आमंत्रित कीजिए! | Prayer | Sudhanshu Ji Maharaj

मन को शान्त करते हुए प्रभु की कृपा को हृदय में आमंत्रित कीजिए!

मन को शान्त करते हुए प्रभु की कृपा को हृदय में आमंत्रित कीजिए!

हाथ जोड़ लीजिए और आँखें बंद कर लें, माथे को शान्त कीजिए, आंखों पर कोई भी दबाव नई पड़ने दें, जैसे बच्चे की आंखें बहुत प्रेम और कोमलता से बंद होती हैं,  कोमलता से पलकों को बन्द करें, माथा ढीला छोड़ें, शान्त होकर हृदय में परमेश्वर को आमंत्रित कीजिए, प्रभु की कृपा को हृदय में आमंत्रित कीजिए, मन को शान्त करते हुए अपने मानसिक रूप से प्रभु को मन ही मन प्रणाम करें, प्रभु की कृपाओं को ध्यान में रखकर उसको धन्यवाद दीजिए कि आपके आशीर्वाद से जीवन के संघर्षों के बीच में सफल होता जाता हूं, मुसीबतों से निकलता जाता हूं, बीमारियों को जीतता जाता हूं, अपने घर को संभालता रहता हूं, ये आपकी कृपा है प्रभु।

मन ही मन गुरु को प्रणाम करते हुए कृपाओं के लिए धन्यवाद दीजिए

गुरुदेव का मन में ध्यान कीजिए कि जिनके आशीर्वाद से अब तक एक रक्षाकवच आप पर बना हुआ है, आपके घर पर बना हुआ है, गुरुदेव का रक्षाकवच आपकी आमदनी पर, आर्थिक संपन्नता पर बना हुआ है कि जैसे कैसे भी करके आपके काम पूरे हो जाते हैं, गुरुदेव की कृपा को स्मरण कीजिए, समस्याओं से, उलझनों से, चिंताओं से, दु:ख से निकलने के लिए (ओ या वो देख लीजिएगा) कृपा आपको बचाती रहती है, गिरने से, धोखा खाने से, चोट खाने से, मन ही मन गुरु को प्रणाम करते हुए कृपाओं के लिए धन्यवाद दीजिए, अपने पितरों को स्मरण कीजिए, जिनके आशीर्वाद आपको निरन्तर मिलते रहे हैं,

नाम जपें, ब्रह्मवेला का, अमृतवेला का लाभ लें

जिनके कारण आपकी वंश परम्परा है, जिन पितरों ने त्याग, तपस्या, बलिदान,  करते हुए आपकी वंशवेल को सुरक्षित रखा, अनेक उतार-चढ़ाव देखे, उनका मन ही मन प्रणाम कीजिए, आशीर्वाद बना रहे आप पर, उनसे आशीष मांगिए, दयानिधान, कृपानिधान परमात्मा को प्रणाम करते हुए आशीर्वाद मांगिए नाम जपने का, सेवा करने का, नाम सेवा करें, नाम जपें, ब्रह्मवेला का, अमृतवेला का लाभ ले सकें, बुद्धि सुबुद्धि रह सके, मन पवित्र रह सके, हाथ पवित्र हों,

परमात्मा का दिया हुआ परमात्मा के नाम पर सर्वप्रथम लगाएं, परमात्मा का दिया हुआ समय परमात्मा की राह में लगाने में संकोच न करें, बहाने न बनाएं, आशीर्वाद मांगिए, भगवान से प्रार्थना कीजिए कि मेरा हृदय ईर्ष्या, द्वेष, वैर, विरोध से जले नहीं, इसमें प्रभु आपका प्रेम बसे, मैं प्रभु आपका वफादार बनकर, नियम का भी वफादार बन जाऊं, नियम तोड़ने वाला न बनूं, गुरु का वफादार बनूं, गुरु के प्रति बेवफाई न करूं!

प्रभु हमारे घर में सज्जन लोगों का वास हो

आशीर्वाद मांगिए कि हमारा घर सज्जन लोगों का वास घर में हों, दुर्जन न आएं, दुर्जन घर में आ जाए तो घर के सारे सुख-शान्ति को नष्ट कर देता है, घरों को तोड़ देता है, कमाई पवित्र बनी रहे, आचरण पवित्र बना रहे, संगति पवित्र बनी रहे प्रभु, हमें आशीर्वाद दीजिए, अपने मन को, अपनी बुद्धि को, अपनी आत्मा को, हृदय को पवित्र करने का जो अवसर सत्संग में मिला है, प्रभु आपकी कृपा है जो हमें यह अवसर मिला, हम पर प्रभु की कृपा बनी रहे, सत्संग सुनने वाले बन जाएं, ज्ञान को धारण करने वाले बन जाएं , जीवन धन्य हो जाए, मेरे प्रभु हमारा प्रणाम स्वीकार करो, सिर झुकाकर प्रणाम कीजिए।

ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॐ

लखनऊ में एक साथ दो स्थानों पर बाल संस्कार केंद्रों का शुभारंभ | Bal Sanskar Kendra

 

लखनऊ में एक साथ दो स्थानों पर बाल संस्कार केंद्रों का शुभारंभ

परम पूज्य गुरुदेव की प्रेरणा और आशीर्वाद से, 108 बाल संस्कार केंद्रों की स्थापना के क्रम में, दिनांक 12 अप्रैल 2025 को लखनऊ मंडल में आचार्य रजनीश भट्ट जी के सानिध्य में गोमती नगर स्थित मनीषा मंदिर और महामना मालवीय विद्यालय में दो बाल संस्कार केंद्रों का शुभारंभ हुआ। दीप प्रज्वलन, गणेश वंदना और सरस्वती वंदना के साथ इस आयोजन की शुरुआत हुई।

इन केंद्रों में डॉ. मधुरिमा प्रधान जी और अन्य अध्यापिकाओं द्वारा महीने में दो से तीन बार बच्चों को सनातन धर्म, संस्कृति, संस्कार और सभ्यता की निशुल्क शिक्षा दी जाएगी।

इस अवसर पर पूर्व राज्य मंत्री श्री अशोक पांडे जी और समाज के विभिन्न वर्गों से गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम की सफलता में मंडल के प्रधान श्री बी के पांडेय जी, प्रभारी श्रीमती मीनाक्षी जी और अन्य अधिकारियों, संयोजक श्री राजीव प्रधान जी, मनीषा मंदिर के अध्यक्ष श्री नीरज अग्रवाल जी, श्रीकांत बाजपेई जी, के.एन. उपाध्याय जी और डी.आर. मालवीय जी का विशेष योगदान रहा।

कार्यक्रम से संबंधित कुछ छायाचित्र, लघु वीडियो, समाचार पत्र कटिंग और यूट्यूब वीडियो लिंक संलग्न किए गए हैं।

(परिवार जोड़ो अभियान टीम)
आनंद धाम आश्रम
नई दिल्ली
15 अप्रैल, 2025