नागपुर में शिव महिमा के गायन से गूँजा महावीर उद्यान

नागपुर में विराट भक्ति सत्संग महोत्सव शुरू

कर्मों को कुशलतापूर्वक करना उच्च स्तर की योग साधना है

राष्ट्र को महाराष्ट्र बनाने का हुआ उदघोष

Virat bhakti Satsang Nagpur 27 Dec 2018 | Sudhanshuji Maharajनागपुर, 27 दिसम्बर (पूर्वाह्न)। कल बुधवार सायंकाल महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर में विराट् भक्ति सत्संग महोत्सव का आगाज गया। विश्व जागृति मिशन के नागपुर मंडल के तत्वावधान में आरंभ पाँच दिवसीय सत्संग महोत्सव के दूसरे दिन यहां का महावीर उद्यान शिव महिमा के समूह गायन से गूंज उठा। मिशन प्रमुख संतश्री सुधांशु जी महाराज द्वारा ॐ नमः शिवाय के भजन पर सभी ओर भोलेनाथ-महाकाल शिवशंकर की अनुगूंज प्रवाहित हो उठी।

श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान-प्रसार को समर्पित सन् 2018 के अंतिम कार्यक्रम में महाराष्ट्र एवं पड़ोसी प्रांतों के विभिन्न अंचलों से आए ज्ञान-जिज्ञासुओं को सम्बोधित करते हुए महाराजश्री ने उनसे अपने जीवन का लक्ष्य तय करने को कहा। लक्ष्य विहीन जीवन को उन्होंने अंधेरी व संकरी गली में भटकाव की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि ऊंचे लक्ष्य की पूर्ति सात्विकता से होती है, यह सात्विकता सदविचारों और भक्ति से आती है।

सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने विशालकाय घर को एक छोटी सी ‘चाभी’ द्वारा सुरक्षित कर देने की उपमा बड़े से शरीर की सुरक्षा एवं उसके विकास के लिए ‘मन’ को काबू करने से की। उन्होंने कहा कि घर से छोटा कमरा, कमरे से छोटा दरवाजा, दरवाजे से छोटा ताला और उससे भी छोटी ताली होती है। इसी तरह मानव काया के विभिन्न अंगों में सबसे छोटा सा मन बेहद महत्वपूर्ण होता है। बताया कि जिस तरह मजबूत व अच्छा ताला और चाभी विशाल घर को सुरक्षित कर देता है, उसी तरह छोटे से लगने वाले मन को नियंत्रित कर लेने पर न केवल आपका शरीर बल्कि उसमें निवास कर रही परमात्मा का अंश ‘आत्मा’ मजबूत बनती चली जाती है।

नई दिल्ली स्थित मिशन मुख्यालय आनन्दधाम से आए धर्मादा सेवा प्रभारी श्री जी.सी.जोशी ने बताया कि अनाथाश्रम (अनाथ एवं निर्धन बच्चों के लिए शिक्षा सेवा), गुरुकुल सेवा, वृद्धाश्रम सेवा, करुणा सिन्धु धर्मार्थ अस्पताल सेवा, कामधेनु गौशाला सेवा, भंडारा सेवा, देव मन्दिर सेवा, यज्ञ-सत्संग सेवा एवं दैवीय आपदा सेवा आदि नौ धर्मादा सेवाओं तथा पूज्य महाराजश्री के ज्ञान-सन्देशों के कारण देश का जनमानस भारी संख्या में मिशन से जुड़ा और जुड़ रहा है। उन्होंने देवदूत (अनाथ) बच्चों की शिक्षा सम्बन्धी बाल विकास योजना की भी जानकारी दी। विश्व जागृति मिशन के नागपुर मण्डल के महामन्त्री एवं मुख्य यजमान श्री दिलीप मुरारका ने बताया कि सत्संग महोत्सव का समापन 30 दिसम्बर की सायंकाल होगा।

प्रभु से प्रार्थना तो करें पर देवऋषि नारद की प्रार्थना की तरह उद्देश्य हितकारी ही हो

विश्व जागृति मिशन कार्यकर्ता पीतमपुरा अंचल में सेवा कार्यों में तेजी लाएँ – सुधांशु जी महाराज

श्रीमद्भागवत सत्संग समारोह का हुआ समापन

Shrimad Bhagwad Satsang Pitampura-16-12-18 | Sudhanshuji Maharajपीतमपुरा-नई दिल्ली,16 दिसम्बर (सायं)। विश्व जागृति मिशन द्वारा यहाँ रामलीला ग्राउंड में विगत 5 दिनों से चल रहे श्रीमद् भागवत सत्संग समारोह का आज सायंकाल विधिवत समापन हो गया। सत्संग सभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न अंचलों के स्त्री-पुरुषों ने बड़ी संख्या में भागीदारी की। इसके पूर्व आज मध्याह्नकाल में सामूहिक मंत्रदीक्षा भी सम्पन्न हुयी। सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने मिशन कार्यकर्ताओं से पीतमपुरा अंचल सहित एनसीआर के विभिन्न क्षेत्रों में लोकहितकारी सेवा कार्यों को तेज करने के निर्देश विदाई सत्र में दिए। इसके पूर्व रोहिणी विधायक श्री महेन्द्र गोयल एवं उत्तरी दिल्ली नगर निगम के डिप्टी चेयरमैन श्री जय किशन गोयल सहित कई विशिष्टजनों ने श्रद्धेय महाराजश्री का पीतमपुरा क्षेत्र में स्वागत किया।

इस अवसर पर सत्संग सभागार में उपस्थित ज्ञान-जिज्ञासाओं को सम्बोधित करते हुए मिशन प्रमुख ने प्रार्थना की ताकत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रार्थना की भाव-तरंगें आपकी आंतरिक गहराई के अनुसार ब्रह्माण्ड में संव्याप्त होती हैं। वे भाव तरंगे अतिशय गहरी साधना करने वाले साधकों के आसपास एक ऊर्जा-घेरा का निर्माण कर देती हैं। कारण, कि ऋषियों द्वारा गुह्यतम साधनाओं की शक्ति से अनुसंधानित प्रत्येक मन्त्र का अपना एक देवता होता है, साधना की भाव-तरंगों के साथ उस देवता की शक्ति भी संयुक्त हो जाती है। अगणित हो गयी वह ऊर्जा साधक को भीतरी व बाहरी दोनों ओर से समृद्ध बना देती है। उन्होंने ऐसी समृद्धि से भरने का आह्वान हर समझदार व्यक्ति से किया। कहा कि आप प्रार्थना अवश्य कीजिएगा लेकिन ठीक वैसे ही जैसे देवर्षि नारद ने भगवान विष्णु से की थी। उन्होंने कहा कि प्रार्थना अपने एवं सबके लिए हितकारी ही की जानी चाहिए। परमेश्वर प्रार्थना का हितकारी फल ही प्रदान करते हैं। ज्ञातव्य है कि मिशन की ‘प्रार्थना’ नामक पुस्तक इन दिनों काफ़ी लोकप्रिय हो रही है।

सत्संग स्थल पर लगे लगभग एक दर्जन स्टालों का प्रभार संभाल रहे श्री प्रयाग शास्त्री ने बताया कि साहित्य, युगऋषि आयुर्वेद, धर्मादा, वृद्धाश्रम, कामधेनु गौशाला, महर्षि वेदव्यास गुरुकुल विद्यापीठ, करुणासिन्धु अस्पताल, युगऋषि आरोग्य धाम, द व्हाइट लोट्स हॉस्पिटल, जीवन संचेतना, अनाथ (देवदूत) शिक्षा, डॉ. अर्चिका फाउन्डेशन आदि सेवाओं से जुड़े सेवा-स्टालों का लाभ भारी जन-समुदाय ने बीते पांच दिनों में उठाया। युगऋषि आयुर्वेद के राष्ट्रीय विपणन प्रमुख श्री शास्त्री ने बताया कि युगऋषि आयुर्वेद हेल्थकेयर फाउंडेशन के तहत पूर्णतः वैज्ञानिक व आयुर्वेदिक ढंग से बनाए गए 175 उत्पादों की मांग निरंतर बढ़ रही है। बताया कि इन उत्पादों के निर्माण का उद्देश्य घरों में बीमारियों के प्रवेश को रोकना है।

कार्यक्रम का समापन श्रद्धेय श्री सुधांशु जी महाराज के नागरिक अभिनंदन और आरती के साथ सत्संग महोत्सव का समापन हुआ। मिशन प्रमुख ने श्री यशपाल सचदेव सहित पीतमपुरा मण्डल के सभी सक्रिय कार्यकर्ता भाई-बहिनों को स्नेहपूर्ण आशीर्वाद दिया। समस्त कार्यक्रमों का सभा संचालन एवं मंचीय समन्वयन विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

‘जैसी भावना वैसा फल’ की उक्ति शाश्वत-डॉ. अर्चिका दीदी, उपाध्यक्ष, विश्व जागृति मिशन

ईश्वर सर्वज्ञ है और मनुष्य अल्पज्ञ

ज्ञान मार्ग पर चलकर बढ़ें परमेश्वर की ओर

ध्यान-योग की विशेष कक्षा में सन्त श्री सुधांशु जी महाराज के उद्गार

Shrimad Bhagwad Satsang-Dhyan-16-12-18 | Sudhanshuji Maharajपीतमपुरा-नई दिल्ली,16 दिसम्बर (पूर्वाह्नकाल)।यहाँ रामलीला मैदान में १२ दिसम्बर से चल रहे श्रीमद् भागवत सत्संग समारोह के आखिरी दिन का पूर्वान्हकालीन सत्र ध्यान-योग कक्षा को समर्पित रहा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न अंचलों से आये सैकड़ों स्त्री-पुरुषों ने इस विशेष सत्र का लाभ उठाया। विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक श्रद्धेय श्री सुधांशु जी महाराज ने ध्यान-जिज्ञासुओं से कहा कि ईश्वर ‘सर्वज्ञ’ है और मनुष्य ‘अल्पज्ञ’ है। कर्म के सिद्धांत का पालन करते हुए ज्ञान मार्ग पर चलकर प्रभु की उस सर्वज्ञता की ओर बढ़ा जा सकता है। श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि जब बुद्धि तमोगुणी होती है तब वह न केवल खुद तमोगुणी व्यक्ति का विनाश करती है बल्कि अन्य अनेकों के लिए भी हानिकर होती है। रजोगुण की प्रबलता वाले व्यक्ति चंचल स्वभाव के होते हैं और सतोगुणी व्यक्ति इहलोक व परलोक दोनों को संवार लेते हैं। सद्गुरु के सानिध्य एव मार्गदर्शन से मानव की बुद्धि सुबुद्धि में बदल जाती है और उसके जीवन में आमूल-चूल परिवर्तन हो जाता है।

ध्यान जिज्ञासुओं को ध्यान-योग के अनेक महत्वपूर्ण सूत्रों का सैद्धांतिक विवेचन करते हुए ध्यान-योग गुरु डॉ. अर्चिका दीदी ने उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की भावना जैसी होती है वह वैसा ही बन जाता है। कहा- आपकी भावनाओं की तरंगें आपके पास ही वापस आती हैं और अच्छा या बुरा फल देती हैं। आपके कर्म एवं भावनाएं आपकी लगाई ऐसी फसल है, जो निःसन्देह आपको ही काटनी होगी। इसलिए महापुरुषों ने कहा है कि ”जैसा बोओगे-वैसा काटोगे”। उन्होंने स्वस्थ वृत्त का व्यावहारिक प्रशिक्षण सभी को दिया।

विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र में बताया कि श्रीमद भागवत सत्संग समारोह का समापन आज सायंकाल होगा। मध्यान्हकाल में सामूहिक मन्त्र दीक्षा का कार्यक्रम सम्पन्न होगा।

जिज्ञासा और जिजीविषा परमात्मा द्वारा मनुष्य मात्र को दी गईं विशेष विभूतियाँ

प्रेरक भजनों से सजी सन्ध्या

श्रीमद भागवत सत्संग समारोह का चौथा दिन

Shrimad Bhagwad satsang Pitampura 15-12-18 | Sudhanshuji Maharajपीतमपुरा-नई दिल्ली,15 दिसम्बर। विश्व जागृति मिशन के पीतमपुरा मंडल के तत्वावधान में यहां चल रहे श्रीमद् भागवत सत्संग के चौथे दिवस भी संस्था प्रमुख संत श्री सुधांशु जी महाराज ने उपस्थित जनमानस का प्रभावी मार्गदर्शन किया। उधर आज प्रातःकाल ध्यान-योगगुरु डॉ. अर्चिका दीदी ने सत्संग पंडाल में पधारे स्वास्थ्य-जिज्ञासुओं को स्वस्थवृत्त से जुड़े ढेरों सूत्र दिए। उन्होंने योगासन कराकर सभी को योग विज्ञान से जुड़ने के लिए प्रेरणा-प्रोत्साहन दिया। उन्होंने स्वस्थ, शांत एवं आनंदमय जीवन की व्यावहारिक बातें सभी को समझाईं।

संध्याकालीन सत्र में बोलते हुए मिशन प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि सभी मनुष्यों को परमात्मा ने जिज्ञासा और जिजीविषा के रूप में दो बड़ी महत्वपूर्ण चीजें दी हैं। जीने की उत्कट इच्छा तथा सीखने की सतत अभिलाषा व्यक्ति को निरंतर आगे बढ़ाते हैं। लौकिक शिक्षाओं के साथ-साथ आध्यात्मिक शिक्षा प्रत्येक मानव के लिए बेहद आवश्यक है। इससे व्यक्ति गम्भीर व्यक्तित्व का धनी बनता है। चंचलता व्यक्ति को कमजोर बनाती है, अतः जीवन में गाम्भीर्य बहुत ज़रूरी है।

श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि परमेश्वर से मिलने का द्वार ‘गुरु’ को बताया गया है। गुरु व्यक्ति की आस्था को मजबूत बनाते हैं। सद्गुरु के मिलने में कठिनाई अवश्य होती है लेकिन यह शक्य होने पर आत्मसत्ता की जन्म-जन्मांतर की इच्छा पूरी हो जाती है और वह अपने प्यारे प्रभु से मिलने का सौभाग्य प्राप्त कर लेती है। उन्होंने कहा कि भगवान से ज्यादा चाहत रखने की बजाय भगवान को ज्यादा चाहना चाहिए। ऐसे व्यक्ति प्रभु के इस प्रिय उद्यान, इस संसार को सुंदर बनायें, गुरु की सदैव यही इच्छा रहती है।

संगीत विभाग आनंदधाम से आए गायक दल के सदस्यों श्री कश्मीरी लाल चुग, श्री राम बिहारी, श्री महेश सैनी एवं श्रीमती पूनम गुलाटी द्वारा प्रभु श्रीकृष्ण एवं गुरुतत्व पर प्रस्तुत भजनों ने उपस्थित जनसमुदाय को भाव विभोर किया।

सत्संग सभा में हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग चंडीगढ़ के चेयरमैन डॉ. एस.एन.अग्रवाल, नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. सुधन पौडेल, विश्व जागृति मिशन के महामन्त्री श्री देवराज कटारिया, महर्षि वेदव्यास गुरुकुल विद्यापीठ के प्रधान श्री दौलत राम कटारिया, गुडगांव मिशन परिवार के वरिष्ठ प्रतिनिधि श्री नरेश अग्रवाल, रमेश गुप्ता, प्रमोद सोलंकी, क्षेत्रीय सभासदद्वय श्री सुरजीत ठाकुर एवं श्रीमती अंजू जैन सहित भारी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मंचीय समन्वयन आनन्दधाम से आए मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

पीतमपुरा मण्डल के प्रधान श्री यशपाल सचदेव ने बताया कि कल रविवार का प्रातःक़ालीन ध्यान-योग सत्र नौ बजे आरम्भ होगा। दोपहर १२.०० बजे मन्त्रदीक्षा करायी जाएगी। सांध्यक़ालीन सत्र ४.३० बजे शुरू होगा। कल सायं सात बजे श्रीमद भागवत सत्संग समारोह सम्पन्न हो जाएगा।

वस्तुओं का उपयोग कीजिए, व्यक्तियों का नहीं – श्री सुधांशु जी महाराज

ॐ नमः शिवाय-ॐ नमः शिवाय के समूह-गायन से गूँजा रामलीला मैदान

श्रीमद् भागवत सत्संग समारोह की तीसरी सन्ध्या

Shrimad Bhagwad Satsang Pitampura-14-12-18-Sudanshuji Maharajपीतमपुरा-नई दिल्ली, 14 दिसंबर। आप वस्तुओं का उपयोग कीजिए, व्यक्तियों का नहीं। भ्रमित आदमी अन्त तक ‘जीवन’ का मकसद नहीं समझ पाता। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति तब होती है जब वह ‘व्यक्ति’ की पहचान नहीं कर पाता और केवल उनका प्रयोग (use) करता रहता है। ऐसा करके वह पाता कुछ भी नहीं, बल्कि खोता ही खोता है। अच्छे और सच्चे आदमी ऐसे व्यक्ति के पास लम्बे समय तक टिक नहीं पाते, जिसकी हानि प्रयोग करने वाले उस व्यक्ति को भी स्वयं उठानी पड़ती है। इससे संस्थाओं, संगठनों और देश सभी को भारी नुक़सान पहुँचता है। ऐसी प्रवृत्ति का परित्याग समझदारीपूर्वक जल्द से जल्द कर देने में ही ख़ुद की भलाई है और सबकी भलाई है।

यह उद्गार देश के प्रख्यात चिंतक, विचारक एवं अध्यात्मवेत्ता श्री सुधांशु जी महाराज ने आज शाम यहां पीतमपुरा स्थित रामलीला मैदान में राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न अंचलों से आए विशाल जनसमुदाय के समक्ष व्यक्त किए। वह विश्व जागृति मिशन द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत सत्संग समारोह में आए ज्ञान-जिज्ञासुओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता के अमृतमय संदेश सुनाते हुए कहा कि मानव जीवन अमूल्य है, इसके हर एक पल का उपयोग विवेकपूर्वक करना चाहिए, ज़िन्दगी के एक भी क्षण को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। उन्होंने ‘ॐ नमः शिवाय’ पर आधारित समूह गायन भी कराया। उन्होंने भगवान शिव को आदियोगी की संज्ञा दी और कहा कि उनकी सच्ची आराधना से व्यक्ति का इहलोक व परलोक सुधरता है।

सत्संग स्थल पर लगे एक दर्जन स्टालों के प्रभारी एवं युगऋषि आयुर्वेद के राष्ट्रीय मार्केटिंग प्रमुख श्री प्रयाग शास्त्री ने बताया कि लगभग पौने दो सौ उत्पादों के जरिये युगऋषि आयुर्वेद हेल्थकेयर फाउन्डेशन द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि देशवासियों को रोगों के मुंह में जाने से बचाया जाए। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वावलम्बन, साहित्य आदि से जुड़ी सेवाओं सहित विजामि द्वारा संचालित वृद्धजन सेवा, गोसेवा, गुरुकुल, धर्मादा सेवा आदि गतिविधियों की जानकारी दी।

इस अवसर पर विश्व जागृति मिशन के महामन्त्री श्री देवराज कटारिया, कोषाध्यक्ष श्री राजकुमार अरोड़ा, निदेशक श्री राम महेश मिश्र, वरिष्ठ उद्योगपति श्री हरीश हंस, वयोवृद्ध मिशन परिजन श्री ओम प्रकाश सिब्बल, लखनऊ मिशन परिवार की संरक्षिका श्रीमती मीनाक्षी कौल, कनाडा से आयीं श्रीमती अमृता सैनी, अमेरिका की श्रीमती नीरा कनोत्रा एवं नीटा अब्रोल सहित भारी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे।

विश्व जागृति मिशन के पीतमपुरा मण्डल प्रधान श्री यशपाल सचदेव ने बताया कि कल शनिवार को दो सत्र सम्पन्न होंगे। प्रातःक़ालीन सत्र प्रातः ८ बजे से और सायंकालीन सत्र अपराह्न ४.३० बजे आरम्भ होगा। उन्होंने बताया कि रविवार को भी दोनों सत्र इसी समय चलेंगे। रविवार-१६ दिसम्बर को मध्याह्नकाल १२ बजे सामूहिक मन्त्रदीक्षा भी सम्पन्न होगी।

गायत्री मन्त्र है मानव को महामानव बनाने और उसे ऊँचा उठाने का महामन्त्र

विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष करके समाज में चमकने की कला कमल से सीखें

श्री रामलीला मैदान में सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने कहा

श्रीमद्भगवद्गीता सत्संग समारोह का दूसरा दिन

Shrimad Bhagwad Satsang 14-12-2018-Sudhanshuji Maharajपीतमपुरा-नयी दिल्ली, 13 दिसम्बर। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के पीतमपुरा स्थित रामलीला मैदान में आयोजित श्रीमद्भगवद्गीता सत्संग समारोह के दूसरे दिवस सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता मानव जीवन को सार्थक बनाने की महान कुंजी है। विशाल सत्संग सभागार में मौजूद गीता-जिज्ञासुओं को जीवन सूत्र देते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि यह जीवन क्षण-भंगुर है, इसके हर पल-हर क्षण का उपयोग आत्मोत्थान व आत्मोद्धार के लिए करें। उन्होंने अर्ज, फर्ज और कर्ज का तात्विक विवेचन भी किया।

श्री सुधांशु जी महाराज ने ‘कमल’ का उदाहरण देकर श्रोताओं को समझाया और कहा कि कमल कीचड़ में जन्म लेता है। उसका कर्म उसे इतना ऊपर उठा देता है कि उसका सिर न केवल कीचड़ बल्कि पानी से भी ऊँचा उठ जाता है। वह न केवल तालाब से ऊँचा उठ जाता है बल्कि वह उस सरोवर की शोभा बन जाता है। उन्होंने कमल बनकर जीवन जीने की प्रेरणा सभी को दी और कहा कि वह ऊंचे उठें और अपनी जन्मस्थली एवं कर्मस्थली सभी को शोभायमान बनाएँ, उनका नाम ऊंचा उठाएँ।

उन्होंने कहा कि समाज में विद्यमान इस धारणा कि श्रीमद्भगवदगीता मृत्यु के पूर्व सुनाई जाती है, पर कटाक्ष करते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता हताश व निराश व्यक्ति को उल्लास एवं आशा प्रदान करने में समर्थ है। जीवन में सफलता, विजय, आशा और मोक्ष अनेक लक्ष्यों की पूर्ति में गीता सहयोगी है। उन्होंने श्रीकृष्ण के अनेक नामों का तात्विक विवेचन भी किया।

मिशन के धर्मादा सेवा अधिकारी श्री गिरीश चंद्र जोशी ने बताया कि धर्मादा सेवा लमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल शिक्षा, अनाथ (देवदूत) शिक्षा, वृद्धजन सेवा, गुरुकुल सेवा, देव मन्दिर सेवा, यज्ञ-सत्संग सेवा, गौ सेवा, अन्न क्षेत्र एवं दैवीय आपदा के कार्य आते हैं। इस योजना के तहत अनाथ एवं अति निर्धन बालक बालिकाओं को शिक्षित बनाने का बड़ा कार्यक्रम हाथ में लिया गया है तथा फरीदाबाद (हरियाणा), बैकुंठपुर-बिठूर-कानपुर (उत्तर प्रदेश), सूरत (गुजरात), रुक्का एवं खूंटी (राँची-झारखण्ड) में 2000 से ज्यादा नौनिहालों को इंटरमीडिएट तक की उच्चस्तरीय शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इन सेवाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में लोग सत्संग स्थल पर लगे स्टालों पर पहुंच रहे हैं।

विश्व जागृति मिशन के पीतमपुरा मंडल के महामंत्री श्री रवीन्द्र गांधी ने बताया 16 दिसम्बर को प्रातःकालीन सत्र के बाद सामूहिक मन्त्र दीक्षा भी संपन्न होगी, जिसके पंजीयन की प्रक्रिया इन दिनों सत्संग स्थल पर चल रही है।

विजामि परिवार से जुड़े नाड़ी वैद्य डॉ. सुनील मुद्गल ने इस अवसर पर मधुमेह के कारण एवं निदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने इसके निराकरण के लिए विशिष्ट आयुर्वेदिक औषधियां भी जनसमुदाय को बतायीं। कहा कि युगऋषि आयुर्वेद की औषधियाँ एवं दैनन्दिन जीवन में प्रयोग के लिए सिडकुल हरिद्वार में बनाए गये विशेष हरबल उत्पाद बड़े उपयोगी हैं।

सत्संग समारोह में करुणा सिन्धु अस्पताल के प्रशासक श्री राकेश आहूजा, महर्षि वेदव्यास अंतरराष्ट्रीय उपदेशक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सप्तर्षि मिश्र, विश्व जागृति मिशन के गाजियाबाद मंडल के प्रधान श्री सुरेंद्र मोहन शर्मा, पूर्वी दिल्ली मंडल के प्रधान श्री सतीश शर्मा, केन्द्रीय समिति के सदस्य श्री उमाशंकर साहू, श्री बलदेव दास, शशि खन्ना, सन्तोष सुरपाल, सरोज गांधी, कुसुम, इंदू, राजेश गम्भीर, किशोर कत्याल सहित बड़ी संख्या में नर नारी मौजूद रहे।

अभिमान व्यक्ति को सदा गिराता है और स्वाभिमान सदा उठाता है

आज सायंकाल नयी दिल्ली के पीतमपुरा में हुआ भागवत कथा का श्रीगणेश

Shrimad Bhagwad Satsang Pitampura 13-12-18-Sudhanshuji Maharaj12 दिसम्बर। राष्ट्रीय राजधानी नयी दिल्ली के पीतमपुरा अंचल मण्डल में हुआ श्रीमद् भागवत सत्संग समारोह का श्रीगणेश। पीतमपुरा के पीयू-एलयू ब्लॉक के रामलीला ग्राउंड में शुरू हुयी भागवत कथा। विश्व जागृति मिशन के कल्पनापुरुष, संस्थापक, संरक्षक परम पूज्य सदगुरु श्री सुधांशु जी महाराज ने दिया उपस्थित ज्ञान-जिज्ञासुओं को सफल व सार्थक जीवन का सशक्त मार्गदर्शन।

कहा- परमात्मा का दिया यह जीवन बड़ा मूल्यवान है। इस जीवन की क़ीमत को अनेक लोग निखारते हैं और कई लोग अपने जीवन मूल्य को कम भी करते हैं। समझदार व्यक्ति मन पर आ गए मैल को समय-समय पर धोते रहते हैं। मन पर आ गयी मलीनता को साफ़ करने का एक सहज मार्ग है सत्संग। श्रीमद भागवत कथा इस काम में बड़ी भूमिका निभाती है। उन्होंने गीतानायक भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न नामों की महत्ता भी ज्ञान-साधकों को बतायी और उनकी उपासना के तरीक़े समझाए। श्रद्धेय महाराजश्री ने भागवत सत्संग सभागार में मौजूद स्त्री-पुरुषों से कहा कि अगले पाँच दिनों तक इसी भावभूमि में यहाँ उपस्थित रहकर सत्संग का, श्रीमद् भागवत कथा का लाभ उठाएँ।

श्रीमद् भागवत का पावन सन्देश देते हुये श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीकृष्ण के अवतरण के पहले की स्थितियाँ आज के समय जैसी थीं। धन कुछ धनाधीशों के पास सिमट कर रह गया था। धनुर-विद्या के महान गुरु द्रोणाचार्य को अपने नन्हें बालक अश्वत्थामा को दूध पिलाने के लिए अपने मित्र राजा द्रुपद से उन दिनों एक गाय माँगनी पड़ी थी, जब लोगों की हैसियत गोधन-गोवंश से आँकी जाती थी और देश में प्रचुर मात्रा में गाएँ उपलब्ध थीं। अभिमानी राजा द्रुपद से बुरी तरह अपमानित होने के बाद निस्पृह व स्वाभिमानी ब्राह्मण द्रोण को अपने मित्र को पराजित करना पड़ा था। हालाँकि बाद में द्रोणाचार्य ने द्रुपद को आधा राज्य वापस कर दिया था, क्योंकि बचपन में राजकुमार द्रुपद ने अपने ब्राह्मण मित्र द्रोण को राजा बनने पर आधा राज्य देने की बात कही थी।

उन्होंने कहा कि अभिमानी व्यक्ति का सदैव पतन होता है तथा स्वाभिमानी व्यक्ति सदैव ऊँचे उठते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान काल में भी धन कुछ ही लोगों के पास सीमित होकर रह गया है और जनता का बहुत बड़ा प्रतिशत धन के एक छोटे से अंश में जीवनयापन करने को मजबूर है।

पीतमपुरा के मिशन प्रधान श्री यशपाल सचदेव ने बताया कि भागवत सत्संग का यह कार्यक्रम १६ दिसम्बर की सायंकाल तक चलेगा। भागवत कथा का समय प्रतिदिन सायंकाल 4.30 से 6.30 बजे तक होगा। शनिवार व रविवार को पूर्वाहनकाल भी एक सत्र होगा, जिसमें प्रातः 8 बजे से ध्यान योग साधना सिखायी जाएगी। उन्होंने बताया कि समापन दिवस अर्थात् 16 दिसम्बर को मध्यांह 12 बजे सामूहिक मन्त्रदीक्षा का कार्यक्रम सम्पन्न होगा।

कार्यक्रम का मंचीय समन्वयन एवं संचालन विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

वरदान लोक थाणे-मुम्बई के दिव्य भक्ति सत्संग महोत्सव का हुआ समापन

शिखर पर पहुँचना बड़ी बात लेकिन उस पर टिके रहना और बड़ी बात

विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक श्री सुधांशु जी महाराज ने विदाई उदबोधन में कहा

Divya Bhakti Satsang 9 December Thane-Sudhanshuji Maharajवरदान लोक-थाणे-मुम्बई, 09 दिसम्बर (सायं)। विश्व जागृति मिशन की मीरा भाईंदर शाखा (थाणे-मुम्बई) के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय दिव्य भक्ति सत्संग समारोह आज सायंकाल विधिवत सम्पन्न हो गया। सत्संग समारोह में ठाणे, मुंबई एवं उल्लासनगर सहित महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों एवं पड़ोसी प्रान्तों के मिशन साधकों एवं विशाल जनसमुदाय ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की। श्रीमती राधा रामचंद्रन, श्री कश्मीरी लाल चुघ एवं श्री राम बिहारी के भजनों से सजी संध्या में मिशन प्रमुख आचार्य संतश्री सुधांशु जी महाराज ने विदाई उद्बोधन दिया। उन्होंने उपस्थित जन समुदाय को सुखी व स्वस्थ जीवन के लिए मार्गदर्शन दिए, साथ ही मिशन कार्यकर्ताओं को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

विदाई सत्र में बोलते हुए मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि जीवन में सफलता की ऊंची चोटियों पर पहुंचना बड़ी बात है लेकिन उस पर टिके रहना और बड़ी बात होती है। इसके लिए आत्मचिंतन, आत्म परीक्षण, आत्मनिरीक्षण तथा आत्म सुधार की आवश्यकता होती है। उन्होंने मानव जीवन को सफल बनाने और सुखी जीवन के लिए ढेर सारे सूत्र जनमानस को दिए।

इसके पूर्व यूनाइटेड कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुंबई के प्रमुख उद्योगपति श्री सुनील शुक्ल ने वरदान लोक आश्रम पहुंचकर महाराजश्री का भावभीना अभिनंदन किया। उन्होंने प्रखर युवा राजनेता श्री सुनील शुक्ल सहित सत्संग सभा में पहुंचे शिवसेना के नगर अध्यक्ष श्री अशोक म्हात्रे, भारतीय जनता पार्टी के मण्डल अध्यक्ष श्री अनिल ताठे आदि को परिवर्तन के इन क्षणों में सावधानीपूर्वक एक होकर भारतवर्ष को और इसकी संस्कृति को मजबूत बनाने का आह्वान किया।

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से सटे वरदान लोक आश्रम के इस कार्यक्रम की सफलता में सर्वश्री एसएस अग्रवाल, एचपी पाण्डेय, राजेन्द्र खंडागले, यतिन रावल, डॉ. हृदय नाथ पाण्डेय, ओपी सिंह, नरहरि तिवारी, सरला पाण्डेय, अमिता रावल आदि की भूमिका बड़ी सराहनीय रही। थाणे मण्डल के श्री अनिल कुरसीजा, श्री आलोक सिंह, श्री महेश तरलेजा एवं श्रीमती राखी तरलेजा ने प्रभावी समन्वयन किया।

युगऋषि आयुर्वेद को जन-जन तक पहुँचाने और उसे अधिक सफल बनाने के लिए मध्य प्रदेश से आए युवा इंजीनियर श्री संकल्प सिंह सोलंकी ने उत्पादों को ऑनलाइन मंगाने के तरीक़े सभी को बताए। मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने समस्त कार्यक्रमों का प्रभावी संचालन किया।

कार्यक्रम का समापन श्री सुधांशु जी महाराज के नागरिक अभिनंदन और आरती के साथ सत्संग महोत्सव का समापन हुआ। श्रद्धेय महाराजश्री ने सभी सक्रिय कार्यकर्ता भाई-बहिनों को स्नेहपूर्ण आशीर्वाद दिल्ली प्रस्थान के पूर्व दिया।

स्वास्थ्य जिज्ञासुओं को मिले शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक स्वास्थ्य के नए-नए आयाम

चिकित्सा जगत में प्रवेश कर गए व्यापार के नुक़सानों से बचने के लिए भारतीय आयुर्वेद की मूल विधाओं से जुड़ें देशवासी

कु.सृष्टि रक्षा भण्डारी के भजनों पर मुग्ध हुये मुम्बईवासी

New dimensions of physical, mental and spiritual health-Sudhanshuji Maharajवरदानलोक-थाणे-मुम्बई, 09 दिसम्बर (प्रातः)। विश्व जागृति मिशन के मुम्बई मण्डल द्वारा आयोजित दिव्य भक्ति सत्संग महोत्सव के अन्तिम दिन का पूर्वाह्नक़ालीन सत्र बेहद मनमोहक एवं रोमांचक था। प्रख्यात युवा गायिका कु.सृष्टि रक्षा भण्डारी के भजनों ने यहाँ उपस्थित मुम्बईवासियों सहित सभी को भावविभोर कर दिया। मिशन के मुखिया सन्तश्री सुधांशु जी महाराज द्वारा संगीतमय वातावरण में ली गयी हज़ारों स्वास्थ्य जिज्ञासुओं की ध्यान-योग की कक्षा ने महाराष्ट्रवासियों को शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक स्वास्थ्य के अनेक अभिनव आयाम दिए, उन्हें आनन्दमय स्वस्थ जीवन के ढेरों सूत्र प्रदान किए।

श्री सुधांशु जी महाराज ने चिकित्सा जगत में प्रवेश कर गए भारी-भरकम व्यापार और उससे उत्पन्न हानियों की ओर देशवासियों का ध्यान आकर्षित किया और कहा कि महँगे-महँगे विज्ञापनों और बनावटी व दिखावटी प्रचार माध्यम हमारे स्वास्थ्य को भारी नुक़सान पहुँचा रहे हैं। उन्होंने भारत की आयुर्वेद सम्पदा पर प्रकाश डालते हुये कहा कि ये प्रचार विज्ञापन अब अपने उत्पादों पर आयुर्वेद का भी मुलम्मा चढ़ाने लगे हैं। उन्होंने भारतीय ऋषियों के द्वारा प्रणीत आयुर्वेद विज्ञान से फिर से जुड़ने की अपील सभी से की। उन्होंने विश्व जागृति मिशन के युगऋषि आयुर्वेद अभियान पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा प्रकृतिनिष्ठ और योगमय जीवन जीने के अनेक महत्वपूर्ण सूत्र उपस्थित जनसमुदाय को दिए। उन्होंने समय संयम की प्रेरणा देते हुये ध्यान-योग का प्रशिक्षण भी सभी को दिया।

नयी दिल्ली स्थित विजामि मुख्यालय आनन्दधाम से पधारे श्री विष्णु चौहान ने बताया कि वर्ष 2019 की कैलास मानसरोवर यात्रा 16 से 26 जून की तिथियों में ध्यानगुरु डॉ. अर्चिका दीदी के नेतृत्व में सम्पन्न होगी। ख़ुद सात बार कैलास यात्रा कर चुके श्री चौहान ने बताया कि नयी दिल्ली से आरम्भ होने वाली इस यात्रा के लिए ज़रूरी पंजीयन इन दिनों किए जा रहे हैं, जिसकी एक निश्चित संख्या-सीमा है। उन्होंने बताया कि इसी अवधि में 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस भी आदियोगी भगवान शिव के धाम में मनाया जाएगा। कैलास मानसरोवर पर पहली बार वैश्विक योग दिवस वर्ष 2017 में सम्पन्न हुआ था, तब से प्रतिवर्ष इसे वहाँ आयोजित करने की रणनीति बनाई गई है। श्री चौहान ने नयी दिल्ली आश्रम में सेवारत करुणा सिन्धु अस्पताल, युगऋषि आरोग्य धाम एवं द व्हाइट लोटस अस्पताल की विशालकाय गतिविधियों की भी जानकारी उनने दी।

सत्संग समारोह के मंचीय कार्यक्रमों के मुख्य समन्वयक एवं विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने बताया कि सत्संग महोत्सव में महाराष्ट्र के अलावा पड़ोसी राज्यों के भी परिजन बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं। मिशन की गतिविधियों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि नागपुर से आयीं यूनिवर्सिटी प्रोफ़ेसर साध्वी डॉ. सीमा भंडारकर ने भी आज भजन प्रस्तुत किए। बताया कि सन् 2019 से आनन्दधाम प्रांगण में महर्षि वेदव्यास अन्तरराष्ट्रीय उपदेशक महाविद्यालय का श्रीगणेश भी किया जा रहा है। वरदान लोक आश्रम के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री नरहरि तिवारी ने बताया कि आश्रम में युगऋषि आयुर्वेद के विशेष उत्पादों की व्यवस्था कर दी गयी है, जहाँ से मुम्बई सहित महाराष्ट्रवासी अपने उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं।

दिव्य भक्ति सत्संग महोत्सव का वरदानलोक थाणे में दूसरा दिन

राष्ट्र को एकजुट करके सशक्त बनाना आज की महती आवश्यकता

थाणे-मुम्बई के सत्संग सभा में सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने कहा

Bhakti Satsang 08-december Thane-Sudhanshuji Maharajवरदानलोक-थाणे-मुम्बई, 08 दिसम्बर (सायंकाल)। कभी बिखरे-बिखरे भारत को भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत बनाया था। गीतोपदेश देने वाले गीतानायक की भूमिका उसमें सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण थी। आज ऋषियों के इस राष्ट्र को एकजुट करने और उसे सुदृढ़ता की दिशा धारा देने की महती आवश्यकता है। विश्व जागृति मिशन ने वर्ष 2018 को ‘गीता वर्ष’ घोषित किया है। इस साल अभियान चलाकर श्रीमद्भगवद्गीता का विशेष भाष्य किया गया ग्रन्थ भारत के घर-घर में स्थापित कराया जा रहा है।

यह बात आज सायंकाल प्रख्यात चिन्तक, विचारक, अध्यात्मवेत्ता सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने मुम्बई-थाणे मार्ग पर काजूपाड़ा अंचल में स्थित वरदान लोक आश्रम प्रांगण में कही। विश्व जागृति मिशन के मुम्बई मण्डल द्वारा आयोजित तीन दिवसीय दिव्य भक्ति सत्संग महोत्सव के दूसरे दिन यहाँ उपस्थित ज्ञान-जिज्ञासुओं को सम्बोधित कर रहे थे।

श्रद्धेय महाराजश्री ने कहा कि मानव काया में अपार शक्तियाँ एवं सम्भावनाएँ विद्यमान हैं। लेकिन, मानव शरीर में कई शक्तियाँ सुसुप्त अवस्था में सोयी रहती हैं, जिन्हें विशेष प्रयासों से जगाना पड़ता है। भारतीय अध्यात्म विज्ञान में इन शक्तियों के जागरण की कई विधियाँ बतायी गयी हैं। उन्होंने अनेक इतिहास पुरुषों के साथ-साथ वर्तमान की अनेक विशिष्ट विभूतियों का ज़िक्र किया और बताया कि किस प्रकार साधारण से दिखने वाले मानव अध्यात्म विधा का सहारा लेकर ‘महामानव’ बन गए तथा उनके माध्यम से समाज, राष्ट्र एवं विश्व का बड़ा कल्याण सम्भव हो सका। उन्होंने सभी से अपनी आन्तरिक शक्तियों को जागृत कर पूर्ण पुरुष परमात्मा के सच्चे पुत्र-पुत्रियाँ बनने का आहवान उपस्थित जनसमुदाय से किया। इस मौक़े पर सत्संग स्थल पहुँचे मिरा-भाईंदर क्षेत्र के विधायक श्री प्रताप सरनाईक सहित शिवसेना और भाजपा के नेताओं ने श्री सुधांशु जी महाराज का महाराष्ट्र की जनता की ओर से भावभीना अभिनंदन किया।

आनन्दधाम नयी दिल्ली से मुम्बई पहुँचे श्री प्रयाग शास्त्री ने बताया कि सत्संग स्थल पर लगे स्टालों से भारी संख्या में लोग लाभान्वित हो रहे हैं। घरों में बीमारियों का प्रवेश रोकने के लिए सेवारत युगऋषि आयुर्वेद सेवा, धर्म-संस्कृति एवं सेवा धर्म के कार्यों में वृद्धि के लिए धर्मादा सेवा, गौ-संरक्षण व गौ-संवर्धन के लिए गौशाला सेवा, निराश्रित वृद्धजनों के लिए वृद्धजन सेवा, आनन्दधाम के तीन अस्पतालों करुणासिन्धु, युगऋषि आरोग्यधाम एवं द ह्वाईट लोटस हॉस्पिटल के ज़रिए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवा आदि स्टॉल इनमें सम्मिलित हैं। उन्होंने बताया कि सद्गुरू को अपने बीच पाकर उत्साहित होकर भारी संख्या में वरदान लोक आश्रम पहुँचे हज़ारों स्त्री-पुरुष इन स्टालों पर जाकर मिशन की गतिविधियों से जुड़ रहे हैं।

इसके पूर्व भजन शृंखला चली, जिसमें ख्याति प्राप्त शास्त्रीय गायिका सुश्री सृष्टि रक्षा भण्डारी द्वारा प्रस्तुत गुरु-वन्दना एवं शिव-वन्दना के भजनों ने जनमानस को भाव-विभोर कर दिया। श्री कश्मीरी लाल चुग एवं श्री राम बिहारी ने भी भजन प्रस्तुत किए।संगीत टीम में प्रमोद राय, राहुल आनन्द एवं चुन्नी लाल तंवर भी सम्मिलित थे।