व्यष्टि व समष्टि की अकल को ठीक करने के लिए गायत्री महामन्त्र का सहारा लिया जाए

आत्मा की आवाज सुनने वाले प्राप्त करते हैं ऊँचा लक्ष्य

”जीवन जितना सादा रहेगा, तनाव जिन्दगी में आधा रहेगा”

”जो मुश्किल में न घबराए उसे इन्सान कहते हैं”

Virat Bhakti Satsang Gurugram-06-Apr-19 | Sudhanshu Ji Maharajगुरुग्राम, 06 अप्रैल। जो व्यक्ति अपनी आत्मा की आवाज को सुनते हैं, जो विवेकपूर्वक शरीर और मन के आग्रहों पर विचार करते हैं तथा यदि यह पाते हैं कि आत्मा-अंतरात्मा वो कार्य कराने की पक्षधर नहीं है, तो उन दोनों की आवाज को नजरअंदाज कर देते हैं और आत्मा की आवाज को महत्व-तरजीह देकर भीतर के निर्देश का पालन करने को उद्यत हो जाते हैं; वे जीवन के ऊँचे लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं, नित-नूतन प्रगति की सीढ़ियां चढ़ते हैं। इसलिए हमें सदैव आत्मा की आवाज सुननी एवं उसकी बात मानना चाहिए।

यह बात आज सायंकाल हरियाणा के प्रमुख महानगर गुरुग्राम के सेक्टर-9 ए में विगत तीन दिनों से चल रहे विराट् भक्ति सत्संग महोत्सव में हरियाणा एवं एनसीआर के विभिन्न जनपदों से आये ज्ञान-जिज्ञासुओं को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि गुरु आत्मा की आवाज को सुनने की विधा शिष्यों को सिखाते हैं। श्री सुधांशु जी महाराज ने कतिपय समर्थ गुरुओं तथा उनके संरक्षण में उच्च-सफलता-प्राप्त शिष्यों का उल्लेख किया तथा प्रयासपूर्वक जीवन में ऊँचा उठने को कहा।

मिशन प्रमुख ने पैसे देकर बच्चों की अमीरी दिलाने वाले माता-पिताओं की अदूरदर्शिता पर चिन्ता व्यक्त की और सन्तानों को सुयोग्य बनाकर कमाकर अमीर बनने की प्रेरणा देने को कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे न केवल स्वयं ऊँचा उठते हैं बल्कि उनके माता-पिता का जीवन भी धन्य हो उठता है। विभिन्न उदाहरणों से समझाते हुए उन्होंने कहा कि जंगली क्षेत्र में उगे पौधे एवं घास इत्यादि बिना किसी देखरेख के भी हरे-भरे बनते हैं। जरूरत होती है कि उसका बीज उत्कृष्ट स्तर का हो। सन्तानों को अच्छा बीज बनाने के आध्यात्मिक तरीके भी उन्होंने सबको सिखलाये।

श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि व्यक्ति हो या परिवार , व्यष्टि हो या समष्टि, सभी को सुखी बनाने के लिए ‘सदबुद्धि’ को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि देश को सही अकल देने के लिए ‘गायत्री महामन्त्र’ का सम्बल लेना आज के समय की बड़ी जरूरत है। उन्होंने नवविक्रमी संवत 2076 के शुभागमन पर उपस्थित जनसमुदाय एवं देशवासियों को नववर्ष की बधाई दी और नवरात्रि पर्व पर जीवन साधना की गहराई में उतरने को कहा तथा उसकी पद्धति समझाई।

विश्व जागृति मिशन के गुरुग्राम मण्डल प्रधान श्री नरेन्द्र पाल चंदोक ने बताया कि कल रविवार-07 अप्रैल को मध्यान्हकाल 12 बजे गुरुमन्त्र दीक्षा का कार्यक्रम सम्पन्न होगा। सत्संग समारोह का मंचीय समन्वयन-संचालन कर रहे मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने बताया कि कार्यक्रम स्थल पर युगऋषि आयुर्वेद, धर्मादा सेवा, गौसेवा, अनाथ सेवा, वृद्धजन सेवा, स्वास्थ्य सेवा, साहित्य सेवा आदि के एक दर्जन स्टॉल विजामि अधिकारी श्री प्रयाग शास्त्री की अगुवाई में लगाये गए हैं, जिनका लाभ जनसामान्य द्वारा लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सत्संग स्थल पर ‘कैनविन कैंसर’ नामक एक विशेष स्टाल भी यहाँ सेवाएँ दे रहा है, इस स्टाल पर जहाँ कैंसर रोगियों को सुयोग्य डाक्टरों के द्वारा उचित चिकित्सकीय मार्गदर्शन किया जा रहा है, वहीं खसरा और पोलियो से बचाव की तरह कुछ विशेष दवाएँ भी दी जा रही हैं ताकि लोगों को कैंसर के प्रकोप से बचाया जा सके।

नवरात्रि में एकाग्रता के जरिए अन्दर से पैदा हुई ऊर्जा ब्रह्मांड तक जाती है

दृष्टि बाधित बच्चों के भजनों ने समा बाँधा

Virat Bhakti Satsang-Gurugram-05-Apr-2019 | Sudhanshu Ji Maharajविराट् भक्ति सत्संग महोत्सव का दूसरा दिन

गुरुग्राम, 05 अप्रैल। विश्व जागृति मिशन के गुरुग्राम मण्डल द्वारा यहाँ सेक्टर-9 ए में आयोजित चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के दूसरे दिन दृष्टिबाधित (सूरदास) विद्यार्थियों अजय कुमार एवं सुरजीत सिंह ने अपने भजनों के जरिये सत्संग सभागार में एक विशेष समा बाँधा। इस मौके पर मिशन प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज ने नवरात्रि साधना के समय बरती जाने वाली सावधानियों तथा साधना की अतल गहराईयों में पहुँचने की विधा सभी ज्ञान-जिज्ञासुओं को सिखलाई।

श्री सुधांशु जी महाराज ने आगत नवरात्रि पर्व का विशेष उल्लेख किया और कहा कि नवरात्रि में तप-साधना के जरिये अपने भीतर सोयी हुई शक्तियों का जागरण साधक द्वारा किया जाता है। एकाग्रता के जरिये उत्पन्न हुई आन्तरिक ऊर्जा ब्रह्माण्ड तक पहुँचती है। यह ऊर्जा न केवल उस व्यक्ति का बहुविधि कल्याण करती है बल्कि वह लोक कल्याण का सशक्त माध्यम बनती है।

श्री सुधांशु जी महाराज ने अपने घर के देव मन्दिर को एक प्रयोगशाला बनाने का सुझाव दिया और नवरात्रि पूजन के साथ-साथ दैनिक पूजा-उपासना का मर्म समझाकर उसकी विधि सभी को बताई। कहा कि सात्विक साधना के माध्यम से साधक परमेश्वर का असीम प्यार व कृपाएँ अनेकों पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाता है। तामसिक साधनामार्गी साधक अनेकों को दुःख व तकलीफ देने का हेतु बनता है। उधर राजसिक साधना का पथिक अपना तो कल्याण साधता ही है, अन्य अनेकों का भी हितसाधन करता है। उन्होंने श्रेष्ठ साधक बनकर लोक कल्याण के बड़े काम करने का आह्वान मातृसत्ता के साधकों से किया। उन्होंने कहा कि माता दुर्गा की कृपा ऐसे साधकों पर सदैव बरसती है। श्री सुधांशु जी महाराज ने कर्म, सुकर्म एवं विकर्म की व्याख्या की और श्रेष्ठ कर्मों की तुलना ‘महानतम यज्ञ’ से की। कहा कि ऐसे कर्मों को श्रीमद्भवदगीता में ‘याज्ञिक कर्म’ कहा गया है।

आज के सत्संग कार्यक्रम में भीमखेड़ी गुरुग्राम स्थित जनता रिहैबिलिटेशन ट्रेनिंग सेण्टर के 50 विद्यार्थी भी सम्मिलित हुए। श्री सुधांशु जी महाराज ने सेण्टर के संस्थापक-संचालक श्री नरेन्द्र कुमार एवं उनकी टीम के प्रयासों की सराहना की और सभी बच्चों को अपने मंगल आशीष दिए।

विश्व जागृति मिशन के गुरुग्राम मण्डल के महामंत्री श्री विजय अरोड़ा ने बताया कि शनिवार 06 मार्च को पूर्वाहन 10:30 बजे श्री गौरीशंकर मन्दिर के शीर्ष स्थान पर भगवान शिव एवं माता पार्वती की 16 फुट ऊँची विशालकाय प्रतिमा का अनावरण श्रद्धेय महाराजश्री द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सामूहिक मन्त्र दीक्षा का कार्यक्रम रविवार 07 मार्च को मध्यान्हकाल सम्पन्न होगा।

शान्ति के बिना सुख सम्भव नहीं | सुधांशु जी महाराज

वाणी का असंयम बना था महाभारत का कारण

Virat Bhakti Satsang Gurugram-04-Apr-2019 | Sudhanshu Ji Maharajगुरुग्राम में विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का शुभारम्भ

गुरुग्राम, 04 अप्रैल। शान्ति के बिना सुख की कल्पना नहीं की जा सकती। सुख और शान्ति का जोड़ा है, दोनों को अलग नहीं रखा जा सकता। शान्ति है तो सुख है। शान्ति के लिए वाणी का संयम आवश्यक होता है। वाणी का असंयम ही द्वापर युग में महाभारत का कारण बना था।

यह उदगार आज सायंकाल हरियाणा प्रान्त के छठे सबसे बड़े महानगर गुरुग्राम (गुडगांव) में प्रख्यात अध्यात्मपुरूष आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने व्यक्त किए। उल्लेखनीय है कि सेक्टर 9-ए स्थित श्री गौरी शंकर मन्दिर के सम्मुख स्थित विशालकाय प्रांगण में चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का आयोजन विश्व जागृति मिशन के गुरुग्राम मण्डल द्वारा किया गया है।

आज हजारों की संख्या में सत्संग हॉल में उपस्थित हरियाणावासियों एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र नयी दिल्ली के ज्ञान जिज्ञासुओं के बीच उदबोधन करते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि शान्ति या अशान्ति के सारे बीज घर के भीतर विद्यमान होते हैं। सभी समस्याओं का समाधान घर के भीतर होता है, हरिद्वार में नहीं। आम जीवन में सुख-दुख के विभिन्न कारकों की चर्चा करते हुए उन्होंने पति-पत्नी के मधुर सम्बन्धों को पारिवारिक शान्ति का मुख्य आधार बताया। सुखी परिवार को सुखी समाज एवं समृद्ध राष्ट्र का मेरुदण्ड बताते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने गृहस्थ आश्रम को एक तपोवन की संज्ञा दी। उन्होंने सुखी गृहस्थ के लिए वाचिक जप, उपांशु जप तथा मानसिक जप की प्रक्रिया सभी को सिखलायी।

विश्व जागृति मिशन नई दिल्ली के निदेशक श्री राम महेश मिश्र के मुख्य मंचीय समन्वयन व संचालन में सम्पन्न सत्संग महोत्सव के प्रभारी श्री नरेन्द्र पाल चंदोक ने बताया कि विराट भक्ति सत्संग महोत्सव चार दिनों तक चलेगा, जिसका समापन रविवार 07 अप्रैल की सायंकाल होगा। उसी दिवस मध्यान्हकाल सामूहिक मन्त्र दीक्षा सैकड़ों स्त्री-पुरुषों को दी जाएगी। उन्होंने बताया कि गुरुदीक्षा समारोह के लिए पंजीयन प्रक्रिया आज से ही शुरू हो चुकी है।

दृढ़ निश्चयी व्यक्ति धरती पर परमात्मा की विशेष विभूति

जीवन में आत्मनिरीक्षण और आत्मसुधार की सतत आवश्यकता

विदाई सत्र में आचार्य सुधांशु जी महाराज ने कहा

राष्ट्र निर्माण में जुटने के उठे संकल्प

Virat Bhakti Satsang Ludhiana 01-Apr-2019दिव्य भजनों से सजी सन्ध्या

लुधियाना अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव का समापन

लुधियाना, 31 मार्च (सायं)। देश के लिए अग्रणी बनकर काम करने के सामूहिक संकल्पों के साथ चार दिवसीय लुधियाना अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव का आज सायंकाल विधिवत समापन हो गया। दिव्य भजनों से सजी इस सन्ध्या में लुधियाना सहित पंजाब के विभिन्न अंचलों से बड़ी संख्या में ज्ञान जिज्ञासु सत्संग सुनने गर्ल्स पीजी कॉलेज प्रांगण पहुँचे। कार्यक्रम का समापन नागरिक अभिनंदन एवं दिव्य आरती के साथ हुआ। कार्यक्रम का आयोजन विश्व जागृति मिशन के लुधियाना मण्डल द्वारा किया गया था।

विदाई सत्र में उदबोधन करते हुए विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि हम अपनी चिता जलने के पूर्व अपने चैतन्य को जागृत कर सकें, इस धरती से निर्दयता कम कर सकें, इस राष्ट्र को सुन्दर व सुव्यवस्थित बनने में सहयोगी बन सकें, निज जीवन में नियमों का दृढ़ता से पालन कर सकें, जीवन को अनुशासित बना सकें, हमारा हर पग ईश्वर की पूजा बन जाये, ऐसी प्रार्थनायें प्रतिदिन करनी चाहिए। उन्होंने नित्य आंतरिक गंगा में डुबकी लगाने का अभ्यास करने अर्थात कृत-गलतियों का प्रायश्चित करने को कहा। जीवन में जागरण को ही असली जिंदगी की संज्ञा देते हुए उन्होंने आत्म-समीक्षा, आत्म-निरीक्षण, आत्म-परीक्षण और आत्म-सुधार की विविध विधि प्रेरणाएँ सभी को दी। कहा कि ऐसा करने से सुरदुर्लभ यह मानव जीवन सार्थक हो जाता है।

दृढ़ निश्चयी मनुष्य को इस धरती पर परमात्मा द्वारा भेजी विशेष विभूति बताते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि ऐसे व्यक्ति अंधेरे में भी खुद ही रास्ते निकाल लेते हैं। इसके लिए जो प्रयास किये जाते हैं उनमें आदतों के निरंतर परिष्कार का कार्य सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। क्योंकि आदतें ही हमारा संस्कार बन जाती हैं और हमसे वैसा ही व्यवहार होता है, अर्थात वैसे ही कर्म हमसे होने लगते हैं। उन्होंने कहा कि आदतें ही व्यक्ति को जिताती या हराती हैं। श्रद्धेय महाराजश्री ने इसके लिए 40 दिवसीय अभ्यास का विशेष तरीका सभी को सिखलाया। उन्होंने आदतों को नया करके आगामी सात अप्रैल को नए वर्ष का अभिनन्दन करने को कहा।

इसके पूर्व लुधियाना के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अवतार सिंह वरदा, दैनिक भाष्कर समूह के प्रधान सम्पादक मुकेश जी, पंजाब अकाली दल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, पंजाब बाल कल्याण आयोग के चेयरमैन श्री सुकेश कालिया, भाजपा औद्योगिक प्रकोष्ठ के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष श्री अनिल कपूर, कौंसलर श्री नरेन्द्र शर्मा व रोहित सिक्का, रणजीत सूद, मंदीप सिंह सहित कई गण्यमान व्यक्तियों ने मिशन प्रमुख का अभिनंदन किया। इस मौके पर अनाथ (देवदूत) बच्चों की शिक्षा के कार्यक्रम में अभिनव सहयोगी सर्वश्री अशोक भट्ट, किरण बाला, अनिता अरोड़ा, मोहन लाल मोहाली, हरदेव परासर, डॉ.आशा कुमारी, सुशील कुमार, मोहित गर्ग एवं शशि मठवाल का स्वागत व्यास मंच पर किया गया।

समस्त कार्यक्रमों का मंचीय समन्वयन एवं संचालन विश्व जागृति मिशन नई दिल्ली के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया। आज की सन्ध्या दिव्य भजनों से सजी थी। आचार्य अनिल झा, महेश सैनी एवं कश्मीरी लाल चुग ने मधुर भजन प्रस्तुत किए।वाद्य यन्त्रों पर उनका सहयोग चुन्नी लाल तंवर, राहुल आनन्द तथा रविशंकर ने दिया। मण्डल प्रधान श्री राम चन्द्र गुप्ता ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

परमेश्वर से प्रीत सबसे ऊँची प्रीत, परमात्मा ही विश्वास करने योग्य

अपनी दिनचर्या में प्रार्थना के लिए समय अवश्य निकालें और उसका समय निश्चित हो

अपने असल स्वरूप से जुड़ने का सर्वाधिक प्रभावी माध्यम- ध्यान

Virat Bhakti Satsang Ludhiana-31-Mar-2019a | Sudhanshu Ji Maharaj‘गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द, गुरु मेरा पारब्रह्म गुरु भगवन्त”

लुधियाना, 31 मार्च (प्रातः)। विगत चार दिनों से यहाँ चल रहे अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव के आखिरी दिवस का पूर्वाहनकालीन सत्र भी कल की भाँति ध्यान-योग कक्षा को समर्पित रहा। कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के विशाल परिसर में 28 मार्च से चल रहे विराट सत्संग समारोह की ध्यान कक्षा में देश के लब्ध-प्रतिष्ठित अध्यात्मवेत्ता श्री सुधांशु जी महाराज ने ध्यान-जिज्ञासुओं को लगातार दूसरे दिन ध्यान की गहराइयों में उतारा।

ध्यान को अपने असली स्वरूप से जुड़ने का सबसे प्रभावी माध्यम बताते हुए उन्होंने कहा कि परमेश्वर से प्रीत करना ही सबसे ऊँची प्रीत है। वह अक्षुण्ण है, वह सदा बनी रहने वाली है। परमेश्वर ही विश्वास करने योग्य है। उन पर भरोसा करने वाले व्यक्ति निर्भीक होते हैं और सदैव आनंदित रहते हैं। परम पिता परमात्मा पर विश्वास मनुष्य के भीतरी-पक्ष को सुदृढ़ बनाता है। उन्होंने ईश विश्वास और प्रभु के प्रति श्रद्धा को ऊँचा उठाने को कहा तथा सबसे अपील की कि आप प्रभु पर श्रद्धा एवं विश्वास दृढ़ रखते हुए अपने कर्म-पथ पर निष्ठापूर्वक आरूढ़ रहें, आपका जीवन नि:सन्देह सफलताओं से भरा-पूरा बनेगा।

मिशन प्रमुख ने सकारात्मक चिन्तन को मानव की सबसे बड़ी सम्पत्ति बताया और अनेक उद्धरण सुनाते हुए सकारात्मकता के लाभ गिनाए। उन्होंने बड़े ही रोचक व संगीतमय वातावरण में सकारात्मक सोच को उभारने के ध्यान सूत्र हजारों की संख्या में उपस्थित जनसमुदाय को सिखाये। उन्होंने ध्यान-योग के इन सूत्रों को दैनिक जीवन में अभ्यास व आचरण में लाने का आग्रह किया। उन्होंने तनाव से बचने के सूत्र सिखाए और एकाग्रता के ज़रिए जीवन की विभिन्न समस्याओं का निदान करने का तरीक़ा समझाया। कहा कि एकाग्रता को जीवन का अविभाज्य हिस्सा बनाने पर जीवन की क़ीमत बहुत अधिक बढ़ जाती है।

विश्व जागृति मिशन प्रमुख श्री महाराज जी ने ‘प्रार्थना की शक्ति’ की चर्चा करते हुए कहा कि विश्व के ७६० करोड़ लोगों में से हर व्यक्ति किसी न किसी तरह प्रार्थना करता है। उन्होंने अपनी दैनिक दिनचर्या में प्रार्थना के लिए अनिवार्य एवं अपरिहार्य रूप से स्थान निर्धारित करने का आह्वान किया। उन्होंने राष्ट्र भक्ति को जीवन में सर्वोच्च स्थान देने को कहा तथा “भारत देश है मेरा” शीर्षक वाले राष्ट्रीयता से ओतप्रोत राष्ट्र-गीत के साथ राष्ट्र-देवता का विलक्षण ध्यान कराया। श्रद्धेय महाराजश्री ने अपने सैनिकों को समाज व जीवन के हर क्षेत्र में सम्मान देने का आह्वान देशवासियों से किया। ‘अभिनंदन का अभिनंदन है’ गीत पर तो सत्संग सभागार में मौजूद सभी स्त्री-पुरुष थिरक उठे।

विश्व जागृति मिशन नई दिल्ली के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने बताया कि मिशन मुख्यालय आनन्दधाम में आगामी मई माह से महर्षि वेदव्यास उपदेशक महाविद्यालय का शुभारंभ किया जा रहा है। इस कॉलेज की स्थापना का उद्देश्य देश को बड़ी संख्या में ‘श्रेष्ठ धर्मोपदेशक’ प्रदान करना है। आर्ष ग्रन्थों श्रीमद्भवदगीता, श्रीमदभागवत, श्रीरामचरितमानस, वेद विज्ञान आदि पर प्रभावी उदबोधन-प्रवचन करने वाले प्रखर उपदेशक तथा यज्ञ व संस्कार के विद्वान उपयोगी कर्मकाण्डी आचार्य तैयार करके उनके माध्यम से राष्ट्रीय चेतना को झकझोरने के प्रयत्न बड़े पैमाने पर किये जायेंगे।

विश्व जागृति मिशन लुधियाना मण्डल के प्रधान श्री राम चन्द्र गुप्ता ने बताया कि अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव का समापन सत्र आज सायंकाल 04 से 06 बजे तक सम्पन्न होगा।

अन्तःप्रेरणा सबसे बड़ी ताकत, वही है गुरु शक्ति

कृतज्ञता सबसे बड़ा पुण्य, कृतघ्नता महापाप

आयुर्वेद को पुनः प्रतिष्ठित करने की आवश्यकता

Virat Bhakti Satsang Ludhiana-31-Mar-2019 | Sudhanshu Ji Maharajअमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव का तीसरा दिवस

लुधियाना, 30 मार्च (सायं)। यहाँ गर्ल्स पीजी कॉलेज प्रांगण में आज के सांध्यक़ालीन सत्र में विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि अन्तःप्रेरणा सबसे बड़ी ताकत है, उसे ही गुरु शक्ति कहा जाता है। अन्दर की यह आवाज गुरुमुख व्यक्ति के जीवन में आमूल-चूल बदलाव ला देती है। उन्होंने पाँचवां वेद कहे जाने वाले भारतीय चिकित्सा विज्ञान के सिरमौर आयुर्वेद को पुनः प्रतिष्ठित करने की जरूरत बतायी और कहा कि इस आध्यात्मिक परिवार द्वारा युगऋषि आयुर्वेद की संरचना इसी निमित्त की गई है। उन्होंने अपनी मूल प्रकृति की ओर लौटने का आह्वान सभी से किया।

पंजाब एवं पड़ोसी राज्यों से भारी संख्या में सत्संग महोत्सव में लुधियाना पहुँचे ज्ञान-जिज्ञासुओं से उन्होंने कहा कि गुरुसत्ता साधक को विपरीत परिस्थितियों में भी उनसे लड़कर सफलता की राह पर आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान करती है। अनुकूल माहौल में अनेक लोग आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन प्रतिकूल स्थितियों में आगे बढ़ने वाले परमवीर कहलाते हैं। ऐसा कर पाने की प्रेरणा व्यक्ति को गुरुतत्त्व से मिला करती है। उन्होंने गुरु को ‘लाइफ कोच’ की संज्ञा दी।

मिशन प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज ने इतिहास प्रसिद्ध गुरुओं के कई वृतान्त उपस्थित जनसमुदाय को सुनाए और देश के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को महान शिक्षक बताया। उन्होंने माता को प्रथम गुरु बताया और कहा कि पिता, मार्गदर्शक परिजन तथा शिक्षक गुरुओं से होते हुए जब शिष्य की यात्रा आध्यात्मिक गुरु तक पहुंचती है, तब उसका जीवन सार्थक हो उठता है। उन्होंने कहा कि गुरु वह है जो प्रभु के इस विश्व उद्यान को सुन्दर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर जनमानस को प्रेरित करे। उन्होंने कृतज्ञता को सबसे बड़ा पुण्य और कृतघ्नता को महापाप बताया। उन्होंने श्रेष्ठ बनने की विविध-विधि प्रेरणायें सभी को दीं।

इसके पूर्व भारतीय जनता पार्टी के लुधियाना प्रधान श्री जतिन्दर मित्तल एवं पंजाब भाजपा के उप प्रधान श्री जीवन गुप्ता सहित कई गण्यमान व्यक्तियों ने सत्संग स्थल पर पहुँचकर उनका अभिनन्दन किया। इस अवसर पर मिशन की लुधियाना इकाई के प्रधान श्री राम चन्द्र गुप्ता द्वारा श्री जतिन्दर मित्तल, श्री जीवन गुप्ता, श्री के.के.जैन, अजय अलीपुरिया एवं प्रदीप गर्ग का अंगवस्त्र भेंटकर उन्हें सम्मानित किया गया।

जीवन में सही निर्णय लेने की कला सीखें

श्री सुधांशु जी महाराज ने सिखाईं ध्यान-योग की विधियाँ

Virat Bhakti Satsang Ludhiana-30-Mar-2019 | Sudhanshu Ji Maharajलुधियाना, 30 मार्च (प्रातः)। यहाँ पीजी कॉलेज ऑफ गर्ल्स परिसर में चल रहे अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव में तीसरे दिवस के प्रातःकालीन सत्र में विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने ध्यान जिज्ञासुओं को ध्यान-योग का सैद्धान्तिक व व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। उन्होंने उन्हें ध्यान की विधियाँ सिखाईं तथा दैनन्दिन जीवन में उपयोगी योग के सरल व सहज आसन सभी को सिखाये।

इस मौके पर श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि जीवन में सही निर्णय लेने की कला सीखें। इसके लिए गम्भीर आत्मचिन्तन की तो जरूरत होती ही है, अच्छे व समझदार सलाहकार की भी आवश्यकता होती है। भारतीय ऋषियों के योग विज्ञान को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिलाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि निर्णायक क्षमता में बढ़ोतरी में योग विज्ञान बड़ा सहायक होता है।

मिशन प्रमुख ने जीवनचर्या पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी और कहा कि शान्ति में सोने वाले और आनन्द में जागने वाले व्यक्ति बड़े सौभाग्यशाली होते हैं। उन्होंने प्रातःकाल की आत्मबोध साधना तथा शयन पूर्व की तत्वबोध साधना की विधि सभी को सिखलाई। उचित ढंग से भोजन, रहन-सहन के तरीक़े और विचार व्यवहार की विधियों का शिक्षण देते हुए उन्होंने आयुर्वेद की भारतीय विद्या की ओर लौटने को कहा। श्रद्धेय महाराजश्री ने युगऋषि आयुर्वेद के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की जानकारी भी दी और कहा कि इसका सहारा लेकर घरों में बीमारियों के प्रवेश को रोका जा सकता है। ध्यान-योग की कक्षा में बिखरे आनन्द का दृश्य बड़ा निराला था। भारी संख्या में स्त्री-पुरुषों ने अच्छी सेहत के लिए इन जीवन सूत्रों का पालन अपनी दिनचर्या में शामिल करने का संकल्प लिया।

नई दिल्ली से आये विश्व जागृति मिशन प्रतिनिधि श्री प्रयाग शास्त्री ने जानकारी दी कि घरों में बीमारियों का प्रवेश रोकने के उद्देश्य से चलायी गयी युगऋषि आयुर्वेद योजना के 175 उत्पाद देशवासियों को प्रभावी लाभ प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जय तुलसी, नवरस संजीवनी, मधुसूदनी रस, अमृत केसरी, आयुष वीटा, गाय का घी, शुभ्रदन्ति, लिव स्ट्रोंग, युरिटोन, सखी अमृत, पीड़ाशांतक तथा चन्दन सुधा साबुन नामक उत्पादों की सर्वाधिक माँग समाज से प्राप्त हो रही है। बताया कि इन आयुर्वेदिक उत्पादों के उपभोक्ताओं की विविध बीमारियाँ दूर हो रही हैं। कार्यक्रम का मंचीय समन्वयन व संचालन मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

अपने अन्दर बैठे ईश्वर से बातें करना सीखें

आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु

जज, लोकसेवी, शिक्षाविद सत्संग में पहुँचे

Virat Bhakti Satsang Ludhiana-30-Mar-19 | Sudhanshu Ji Maharajअमृत ज्ञान वर्षा का दूसरा दिन

लुधियाना, 29 मार्च (सायं)। यहाँ गर्ल्स पीजी कॉलेज के विशालकाय प्रांगण में गुरुवार से चल रहे चार दिनी अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव के दूसरे दिवस की सन्ध्या में बड़ी संख्या में मौजूद ज्ञान-जिज्ञासुओं के बीच प्रवचन करते हुए राष्ट्र के वरिष्ठ अध्यात्मपुरूष आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि आलस्य एक ऐसी मानसिक बुराई है जो व्यक्ति को न केवल आगे बढ़ने से रोकती है बल्कि उसे निरन्तर पीछे की ओर ढकेलती है। आलस को मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु बताते हुए उन्होंने इसे जल्द से जल्द दूर भगाने का आह्वान किया। कहा कि आलस्य एवं प्रमाद से दूर रहने वाले व्यक्ति साधारण सी अवस्था में रहते हुए भी असाधारण बन जाते हैं। उन्होंने अनुचित क्रोध, उतावलापन जैसी बीमारियों से बचने को कहा।

सत्संग स्थल पर दूर-दूर से आये ज्ञान-जिज्ञासुओं से तप-तितिक्षा की ताकत की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि तप से भीतर के विकार नष्ट होते हैं और सुसंस्कारों का जागरण होता है। उन्होंने स्व-नियंत्रण, संबंधों में निर्वहन, विभिन्न प्रकार के व्यक्तियों के साथ तालमेल और श्रद्धा आदि गुणों को जीवन की महत्वपूर्ण शक्तियों की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि इन सद्गुणों का विकास अपने जीवन में करने का निरंतर अभ्यास करें।

इसके पूर्व हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एसएन अग्रवाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पंजाब राज्य कार्यकारिणी के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री यश गिरि एवं उद्योगपति श्री राजीव बेरी आदि ने सत्संग स्थल पहुँचकर मिशन प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज का अभिनंदन किया।

नई दिल्ली स्थित मिशन मुख्यालय आनन्दधाम के संगीत विभाग के सदस्य आचार्य अनिल झा, श्री कश्मीरी लाल चुग एवं महेश सैनी द्वारा प्रस्तुत गुरु वन्दना, ईश वन्दना एवं राष्ट्र वन्दना के गीतों ने जनमानस को भीतर तक भिगोया। श्री राहुल आनन्द, सीएल तंवर एवं रविशंकर ने वाद्य यंत्रों पर उनका साथ दिया।

विश्व जागृति मिशन के लुधियाना मण्डल प्रधान श्री राम चन्द्र गुप्ता ने बताया कि अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव में पंजाब के अलावा पड़ोसी अन्य प्रान्तों के लोग बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं। कार्यक्रम का मंचीय समन्वयन व संचालन मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

जहाँ संघर्ष है वहीं सुन्दरता, जहाँ धर्म है वहीं ईश्वर

सन्तुलन का नाम ही सौन्दर्य है, योग है

“मेरा नाथ तू है मेरा नाथ तू, नहीं मैं अकेला मेरे साथ तू”

Virat Bhakti Satsang Ludhiana-29-Mar-19 | Sudhanshu Ji Maharajलुधियाना के गर्ल्ज़ पीजी कालेज परिसर में अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव की झलकियाँ

लुधियाना, 29 मार्च। जहाँ संघर्ष है वहीं सुन्दरता है, जहाँ संघर्ष है वहीं सफलता है, जहाँ धर्म है वहीं विजय है, जहाँ धर्म है वहीं भगवान है। जीवन का नाम ही संघर्ष है। संघर्ष ज़िन्दगी है लड़ना उसे पड़ेगा, जो लड़ नहीं सकेगा आगे नहीं बढ़ेगा।

यह बात आज पंजाब के लुधियाना महानगर के गर्ल्ज़ पीजी कालेज प्रांगण में चल रहे चार दिवसीय अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव के दूसरे दिन पूर्वाह्नकालीन वेला के सत्र में आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने व्यक्त किए। वह विश्व जागृति मिशन के लुधियाना मण्डल के द्वारा आयोजित सत्संग महोत्सव में पधारे ज्ञान-जिज्ञासुओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि धर्म के पथ पर आरूढ़ व्यक्ति जीवन यात्रा में सदैव सफल होते हैं। इतिहास गवाह है कि ईश्वर ने हमेशा धर्म पर चलने वाले लोगों का साथ दिया है। उन्होंने धर्म पर चलने की सलाह सभी नर-नारियों को दी।

सत्संग लाभ लेने के लिए लुधियाना सहित पंजाब एक विभिन्न जनपदों तथा हरियाणा, उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश से आए स्त्री-पुरुषों को सम्बोधित करते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि मानव अपने विचारों से ही उठता या गिरता है। उन्होंने भीतरी प्रसन्नता, सकारात्मक मानसिकता, उच्च आत्मसम्मान, आन्तरिक शान्ति, मज़बूत आध्यात्मिक सम्बन्ध आदि सात गुणों को मनुष्य की सर्वोच्च सम्पत्ति बताया और इन सद्गुणों को प्रयासपूर्वक बढ़ाने का आह्वान किया।

विजामि के लुधियाना मण्डल के महामन्त्री श्री संजीव कपूर ने बताया कि विविध आध्यात्मिक गतिविधियों के अलावा मिशन द्वारा अनाथ बच्चों की शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आयुर्वेद सेवा, वृद्धजन सेवा एवं गोसेवा जैसे प्रकल्प चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सत्संग का समय प्रातःकाल आठ से दस बजे तथा सायंकाल पाँच सात बजे तक निर्धारित किया गया है।

कमज़ोरों के आँसू पोंछने वाले बनें, अच्छे लोग अच्छाई को बढ़ाएँ

लोगों पर भक्ति, सेवा और भगवान का रंग चढ़ाने वालों की तर जाती हैं कई पीढ़ियाँ

लुधियाना में अमृत ज्ञान वर्षा का विशेष महोत्सव शुरू

Virat Bhakti Satsang Ludhiana 28 Mar 19 | Sudhanshu Ji Maharajलुधियाना, 28 मार्च। पंजाब के प्रमुख शहर लुधियाना के स्नातकोत्तर महाविद्यालय प्रांगण में अमृत ज्ञान वर्षा का चार दिवसीय कार्यकम आज सायंकाल शुरू हो गया। विश्व जागृति मिशन के लुधियाना मण्डल द्वारा नयी दिल्ली स्थित मिशन मुख्यालय आनन्दधाम के तत्वावधान में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में प्रख्यात अध्यात्मवेत्ता आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने उपस्थित जनसमुदाय को जीवन साधना के कई महत्वपूर्ण सूत्र दिए।

हज़ारों की संख्या में वहाँ मौजूद ज्ञान जिज्ञासुओं को प्रेरित करते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि वे यह ध्यान रखें कि उनके कारण किसी की आँखों में आँसू न आवें। पीड़ितों के आँसू पोंछने के काम को सच्ची प्रभु पूजा की संज्ञा देते हुए उन्होंने सभी का आह्वान किया कि वे समाज व देश में अच्छाइयों की वृद्धि करें। बुराइयों के हज़ार पैर बताते हुए महाराजश्री ने कहा कि अच्छाइयों की ख़ूब चर्चा और उसका प्रोत्साहन न केवल व्यक्ति और परिवार बल्कि समस्त लोक को शान्ति व सुख से भरने में सफल होता है। उन्होंने अपने सम्पर्क में आने वालों को भक्ति, सेवा और भगवान के रंग से सराबोर करने को कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों को उन सभी लोगों को प्राप्त पुण्य का अंश अनिवार्य रूप से मिलता है।

मिशन प्रमुख ने ध्यान-साधना में प्रयुक्त होने वाली माला की उपमा परमात्मा के धाम तक पहुँचने की सीढ़ी से की। उन्होंने माला जप, सिमरन, ध्यान, साधना आदि के बारे में विस्तार से जनमानस को समझाया। उन्होंने कहा कि इन सब साधना उपचारों से शरीर, मन, चेतना व आत्मा को अद्भुत स्वस्थता प्राप्त होती है। कहा कि स्वस्थ शरीर से की जाने वाली भक्ति को परमात्मा आसानी से स्वीकार करते हैं। श्रद्धेय महाराजश्री ने ईश्वरनिष्ठ सफल जीवन के अनेक सूत्र ज्ञान-जिज्ञासुओं को सिखाए।

इसके पूर्व लुधियाना मण्डल के प्रधान श्री राम चन्द्र गुप्ता, वरिष्ठ उप प्रधान श्री रमेश अग्रवाल, पटियाला के प्रधान श्री अजय अलिपुरिया, जालन्धर प्रधान श्री एस.के.चावला, संगरूर प्रधान श्री राकेश गोयल आदि ने मिशन प्रमुख का स्वागत किया।

विजामि के लुधियाना मण्डल अध्यक्ष श्री राम चन्द्र गुप्ता ने बताया कि सत्संग महोत्सव का यह कार्यक्रम रविवार-31 मार्च की सन्ध्याकाल तक चलेगा। उन्होंने बताया कि अन्तिम दिवस रविवार-दोपहर 12 बजे सत्संग स्थल पर सामूहिक मन्त्रदीक्षा का कार्यक्रम सम्पन्न होगा। बताया कि अमृत ज्ञान वर्षा का समय प्रातःकाल 8 से 10 बजे तथा सायंकाल 5 से 7 बजे रखा गया है। सभा संचालन व मंच समन्वयन का दायित्व संभाल रहे नयी दिल्ली से पधारे विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने बताया कि सत्संग स्थल पर कई सेवाकार्यों को प्रदर्शित करते सेवा-स्टॉल लगाए गए हैं, जहाँ से यहाँ आए लोग लाभान्वित हो रहे हैं।