लोहड़ी – मकर संक्रांति – पोंगल का पुण्यपर्व पर ग्रहों बन रहा विशेष योग

लोहड़ी- मकर संक्रांति-पोंगल का पुण्यपर्व
देवों के गुरु वृहस्पति देव की धनु राशि से अपने पुत्र शनि देव की मकर राशि पर सूर्य की संक्रांति को उत्तरायण तथा मकर संक्रांति पर्व कहा जाता है।
गुरु का घर शिक्षा, संस्कार तथा अनुशासन का स्थान होता है। तो वहीं अपने पुत्र का घर सम्मान, दायित्व, व्यवस्था, व्यवहार, प्यार, दान, प्रेम तथा मधुरता का होता है। पिता के उपस्थित होने पर पुत्र के द्वारा सम्मान दिया जाने का प्रतीक है मकर संक्रांति का पर्व। यह पर्व देवताओं के उत्सव, प्रभात, यज्ञ, दान आदि पुण्य कर्म का आरम्भक है।
लोहड़ी खेतों में हरी-भरी फसलों, सन्तान वृद्धि तथा वैवाहिक सुखों की प्राप्ति का महान पर्व है। लोहड़ी मकर संक्रांति के स्वागत में खुशी का इजहार करने का पर्व है। मकर संक्रांति पर्व पर तिल, लड्डू, कम्बल, अन्न, भोजन, वस्त्र, चावल, उड़द, गुड़, खिचड़ी, गौदान एवं ब्राह्मण, संत भोजन का अधिक महत्व है। इस पर्व पर सूर्य, विष्णु, शिव तथा पितरों की पूजा करना पुण्य का कार्य है।
मकर संक्रांति पर्व पर अनुष्ठानीय प्रयोग