गंगा अवतरण के महापर्व गंगा दशहरा पर विशेष पुण्य फलदायी है – पूजन, जप, यज्ञ-अनुष्ठान

गंगा अवतरण के महापर्व गंगा दशहरा पर विशेष पुण्य फलदायी है – पूजन, जप, यज्ञ-अनुष्ठान
प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाता है। गंगा दशहरा को ही गायत्री जयंती मनायी जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन धरती पर मां गंगा का अवतरण हुआ था। राजा भागीरथ अपने पूर्वजों की आत्मा का उद्धार करने के उद्देश्य से स्वर्ग से गंगा को धरा पर लाये थे। इसलिये इस दिन की पूजा पितरों के उद्धार के लिये विशेष मानी गई है।
राजा भागीरथ द्वारा गंगा को धरती पर लाने के कारण गंगा का एक नाम भागीरथी भी पड़ा। ऐसा कहा जाता है कि गंगा दशहरा पर जो भी दान-पुण्य, पूजा-पाठ, यज्ञ-अनुष्ठान किया जाता है उसका अन्य दिनों की अपेक्षा दस गुना अधिक पुण्य फल प्राप्त होता है। इस दिन का गंगा स्नान महापुण्य फलदायी होता है। कोरोना वायरस के चलते गंगातट पर जाकर स्नान करना संभव नहीं हो पायेगा। इसलिये भक्तजन घर में ही स्नान करने वाले जल में गंगाजल मिलाकर उस जल से स्नान कर गंगा स्नान का पुण्य फल प्राप्त करें।
भक्तों को गंगा दशहरा की पूजा-पाठ, यज्ञ-अनुष्ठान का घर बैठे दस गुना पुण्य फल प्राप्त हो इस निमित्त परमपूज्य सद्गुरु श्रीसुधांशुजी महाराज के आशीर्वाद से ‘युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र’ द्वारा 20 जून, 2021 रविवार को गंगा दशहरा के पावन पर्व पर आनंदधाम आश्रम दिल्ली में गंगा दशहरा की पूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्रद्धालु भक्त ऑनलाइन यजमान बनकर पुण्य लाभ प्राप्त करें।
मन्त्र, पाठ एवं अनुष्ठान विवरण